कोरोना महामारी को लेकर विवादों में आये तबलीगी जमात के देशी और विदेशी लोगों पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए सभी एफआईआर को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही मीडिया की भूमिका पर सवाल भी उठाये हैं।कोर्ट ने कहा कि इस मामले में तबलीगी जमात को ‘बलि का बकरा’ बनाया गया। कोर्ट ने साथ ही मीडिया को फटकार लगाते हुए कहा कि इन लोगों को ही संक्रमण का जिम्मेदार बताने का प्रॉपेगेंडा चलाया गया।
कोर्ट ने शनिवार को मामले पर सुनवाई करते हुए कहा, ‘दिल्ली के मरकज में आए विदेशी लोगों के खिलाफ प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में बड़ा प्रॉपेगेंडा चलाया गया। ऐसा माहौल बनाने की कोशिश की गई, जिसमें भारत में फैले Covid-19 संक्रमण का जिम्मेदार इन विदेशी लोगों को ही बनाने की कोशिश की गई। तबलीगी जमात को बलि का बकरा बनाया गया।’वहीं कोर्ट के इस फैसले के बाद असदुद्दीन ओवैसी ने बीजेपी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि इस प्रॉपेगेंडा से मुस्लिमों को नफरत और हिंसा का शिकार होना पड़ा।
दिल्ली के निजामुद्दीन के मरकज में इसी साल के मार्च महीने में तब्लीगी जमात के कार्यक्रम का आयोजन कराया गया था।। लॉकडाउन के दौरान मौलाना साद ने विदेश से आए जमातियों और देश के जमातियों को मस्जिद में रखा था, जिसके बाद इनके जरिए देश में कोरोना वायरस के मामले बढ़ने का आरोप भी लगा था।
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जिसको लेकर काफी विवाद भी हुआ था। अब इसी ममाले पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने सभी जमातियों पर हुई एफआईआर को रद्द कर दिया है। इसके साथ कहा है कि, जमातियों को बलि का बकरा बनाया गया है।