मुंबई। बॉलीवुड एक्टर नसीरुद्दीन शाह ने एक वीडियो जारी किया है। इस वीडियो में उन्होंने कहा कि आज के भारत में वो अपने बच्चों को लेकर बहुत डरे हुए हैं। उन्होंने कहा कि मुझे इस बात का डर लगता है कि कहीं मेरे बच्चों को भीड़ ने घेर लिया और उनसे पूछा कि तुम हिंदू हो या मुसलमान? मेरे बच्चों के पास इसका कोई जवाब नहीं होगा। क्योंकि मैंने मेरे बच्चों को मजहबी तालीम नहीं दी है। अच्छाई और बुराई का मजहब से कोई लेना-देना नहीं है। नसीरुद्दीन शाह ने आगे कहा कि इन दिनों समाज में चारों तरफ जहर फैल गया है। मुझे इस बात की फिक्र होती है क्योंकि हालात जल्दी सुधरते मुझे नजर नहीं आ रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि देश में उन लोगों के लिए पूर्ण दंड हो जो कानून अपने हाथों में लेते हैं।
वहीं नसीरुद्दीन शाह ने बुलंदशहर हिंसा का जिक्र करते हुए कहा कि हाल ही में हमने देखा है कि एक पुलिस अधिकारी की मौत गाय की मौत से अधिक महत्व रखने लगी है। नसीरुद्दीन शाह के इस बयान पर सियासी विरोध भी शुरू हो गया है। शिवसेना ने इस मुद्दे पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। शिवसेना का कहना है कि नसीरुद्दीन शाह को ऐसा बयान नहीं देना चाहिए। 3 दिसंबर को बुलंदशहर में गोकशी के शक में भड़की हिंसा के दौरान यूपी पुलिस के इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उस हिंसक भीड़ में जम्मू-कश्मीर के सोपोर में तैनात 22 राजपूताना राइफल्स का जवान जितेंद्र मलिक उर्फ जीतू फौजी भी शामिल था।
बता दें कि पुलिस ने फौजी के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की थी और गिरफ्तार भी कर लिया है। बुलंदशहर हिंसा मामले में पांच और लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार लोगों में हरेन्द्र, टिंकू उर्फ भूपेश, गुड्डू, छोटे उर्फ अविनाश और अजय देवला हैं। अभी तक इस मामले में कुल 9 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है लेकिन मुख्य आरोपी बजरंग दल नेता योगेश राज अभी तक पुलिस की पहुंच से बाहर है। नसीरुद्दीन शाह इससे पहले भी देश के हालात पर अपने बयानों से निशाने पर आ चुके हैं।