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इंस्तांबुल स्थित सऊदी महावाणिज्यदूत के घर में मिले पत्रकार जमाल खशोगी के शरीर के हिस्से

नई दिल्ली। पत्रकार जमाल खशोगी के शरीर के हिस्से इंस्तांबुल स्थित सऊदी महावाणिज्यदूत के घर में पाए गए हैं। ब्रिटेन के एक ब्रॉडकास्टर ने बीते मंगलवार को एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी। 59 साल के वॉशिंगटन पोस्ट के स्तंभकार के शरीर को काटा गया था और उनके चेहरे को चोटिल कर दिया गया था। उनके शरीर के कुछ हिस्से महावाणिज्यदूत के घर के बगीचे में पाया गया है। हैबरलर की रिपोर्ट में बताया गया है कि तुर्की की रोडिना पार्टी के नेता डोगू पेरिनसेक ने भी एक इंटरव्यू में दावा किया कि पत्रकार के शव को महावाणिज्यदूत के घर के बगीचे में कुंए से बरामद किया गया। यह रिपोर्ट तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन की ओर से खशोगी की हत्या की साजिश रचने का सऊदी अरब पर आरोप लगाने के तत्काल बाद सामने आया है।

jmal khagoshi इंस्तांबुल स्थित सऊदी महावाणिज्यदूत के घर में मिले पत्रकार जमाल खशोगी के शरीर के हिस्से

हत्या को सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया था

उन्होंने कहा कि इस हत्या को सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया था। इसके साथ ही उन्होंने शव के बारे में जानकारी सहित सऊदी अरब से और जानकारी देने के लिए कहा। एर्दोगन ने कहा, ‘उस व्यक्ति का शव कहां है, जिसके बारे में आधिकारिक रूप से यह कहा गया कि उसकी हत्या कर दी गई है। उन्होंने कहा कि यह ‘पूर्व नियोजित’ और ‘क्रूर’ हत्या थी। इसके साथ ही उन्होंने सऊदी अरब से इस हत्या के लिए जिम्मेदार लोगों को मुकदमे का सामना करने के लिए तुर्की को सौंपने का आग्रह किया।

ओडियो या वीडियो सबूत पेश नहीं किया

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रपति ने सत्तारूढ़ जस्टिस एंड डेवलपमेंट पार्टी के संसदीय समूह की बैठक में अपने संबोधन में कहा, ‘तुर्की सुरक्षा सेवा के पास सबूत है कि (खशोगी की) हत्या सुनियोजित तरीके से की गई। तुर्की और विश्व को तभी संतुष्टि मिलेगी जब इस हत्या के सभी दोषियों को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। अन्य देशों को इस जांच में जरूर शामिल होना चाहिए। तुर्की अंतरराष्ट्रीय समुदाय की संयुक्त अंतरात्मा बन गया है। इस तरह के जघन्य अपराध को करना और इसे छिपाना मानवता के जमीर के खिलाफ है।’ राष्ट्रपति ने हालांकि इस संबंध में कोई भी ओडियो या वीडियो सबूत पेश नहीं किया, जिसका उनकी सरकार दावा करती रही है।

बेलग्राड फारेस्ट गया था

एर्दोगन ने दावा किया कि वाशिंगटन पोस्ट के स्तंभकार और सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के कड़े आलोचक खशोगी अपने विवाह के दस्तावेज लेने 28 सितंबर को पहली बार इस्तांबुल में सऊदी वाणिज्यिक दूतावास आए थे। उनके इसी दौरे के साथ उनकी हत्या की योजना बनाई गई। उन्होंने कहा कि खाशोगी के लापता होने से एक दिन पहले सऊदी नागरिकों का तीन समूह इस्तांबुल आया। इनमें तीन सदस्यों का वह समूह भी शामिल था, जो बेलग्राड फारेस्ट गया था।

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