कोलंबो। श्रीलंका के एक अखबार के संपादक लासांत विक्रमातुंगे का शव मंगलवार को कब्र से निकाला गया। अपनी खोजी पत्रकारिता के लिए चर्चित रहे इस पत्रकार की वर्ष 2009 में गृह युद्ध के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। शव को कब्र से निकालने का मकसद उनकी मौत के बारे में नए सिरे से छानबीन करना है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, जांचकर्ताओं को शव को निकालने की अदालत से इजाजत मिलने के बाद लासांत विक्रमातुंगे का शव एक दंडाधिकारी की मौजूदगी और कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच कब्र से निकाला गया। उनकी हत्या वास्तव में किस तरह से की गई, इसे लेकर संदेह पैदा होने के बाद ऐसी कार्रवाई की गई।
वह द संडे लीडर अखबार के संस्थापक संपादक थे और मीडिया की आजादी को लेकर अपने रुख को लेकर लोकप्रिय थे।लासांत विक्रमातुंगे की तब हत्या कर दी गई थी जब वह अपने दफ्तर के रास्ते में थे। यह तब की बात है जब सरकार 30 वर्षो के गृह युद्ध में तमिल विद्रोहियों को हराने के करीब थी। विक्रमातुंगे तत्कालीन सरकार के खिलाफ बेहद मुखर थे।
वर्ष 2009 में यह माना जा रहा था कि विक्रमातुंगे की हत्या गोली लगने के कारण जख्म से हुई है। अब जांचकर्ताओं का कहना है कि हो सकता है कि उनकी मौत किसी नुकीली चीज के उनके सिर में धंस जाने के कारण हुई हो।
विक्रमातुंगे को अपनी हत्या होने का पहले ही आभास हो गया था। उन्होंने पहले ही एक संपादकीय लिखा था जिसमें कहा था तत्कालीन सरकार के खिलाफ अपने कामों की वजह से उनकी हत्या कर दी जाएगी। द संडे लीडर के मौजूदा संपादक इयासवारन रत्नम ने सिन्हुआ को बताया कि वह सतर्कता के साथ आशावान हैं कि विक्रमातुंगे की मौत के सात साल से अधिक गुजर जाने के बाद अंतत: न्याय हासिल होगा।
मई 2009 में युद्ध में जीत के उल्लास में विक्रमातुंगे की हत्या के मामले में न्याय की बात पीछे चली गई थी लेकिन मैत्रिपाला सिरिसेना ने पिछले साल जनवरी में सत्ता संभालने के बाद पत्रकार की हत्या के मामले की जांच की राजनीतिक इच्छाशक्ति दिखाई। हत्या के सिलसिले में एक सैन्य खुफिया अधिकारी पहले से ही गिरफ्तार है जबकि एक शीर्ष पुलिस अधिकारी से भी पूछताछ की गई है।