बुलंदशहर: पुरानी रंजिश और खून-खराबे का नजारा बुलंदशहर पिछले 30 सालों से देख रहा है। रविवार को फिर इसी से जुड़े मामले में एक की जान चली गई। इस घटना के बाद से प्रशासन पर भी सवाल उठने लगे हैं।
धनोरा में चल रहा दशकों से संघर्ष
जिले के धनोरा का यह मामला चर्चा का विषय बनता जा रहा है। इतनी पुरानी रंजिश का परिणाम आज भी कई बार देखने को मिल जाता है। 1990 में पहली बार दो ग्रुप होली के दौरान भिड़ गए थे, यह आग ऐसी लगी कि इसकी लपट आज तक महसूस की जा सकती है।
रविवार को फायरिंग में एक की मौत
धनोरा निवासी धर्मपाल परिवार सहित कहीं से आ रहे थे, तभी रास्ते में घात लगाए बैठे बदमाशों ने कार पर फायरिंग कर दी। इस धुआंधार फायरिंग में कार सवार कई लोग घायल हो गए। इलाज के दौरान धर्मपाल के बेटे संदीप की मौत हो गई। धर्मपाल सहित अन्य कई लोग इसमें घायल हो गये, जिनका अस्पताल में उलाज चल रह है।
तीस साल में गई 14 जान
इस रंजिश में पिछले तीस सालों से दोनों दलों के 14 लोगों की जान जा चुकी है। इतना सब होने के बाद भी यह विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस मामले में दोषी 5 लोग आजीवन कारावास की सजा भी काट रहे हैं। रविवार को फिर एक व्यक्ति की मौत आग में घी का काम कर सकती है।
पुलिस महकमा भी इस रंजिश से परेशान हो चुका है, रविवार की घटना ने फिर सबके होश उड़ा दिए। घटना पर पुलिस प्रशासन का कहना है कि इसकी जांच की जा रही है और आरोपियों को जल्द ही पकड़ लिया जायेगा। अधिकारियों ने बताया कि तेजी से एक्शन लेते हुए चार टीमों का भी गठन कर दिया गया है। आगे से इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाने की भी पूरी कोशिश रहेगी।