कराची। पाकिस्तान में एक बार फिर से धमाका हुआ है और इस बार आतंकियों ने अपना निशाना सूफी दरगाह को बनाया। सिंध प्रांत के सहवान शहर में स्थित शाहबाज कलंदर दरगाह में आत्मघाती हमला हुआ है। ये हमला गुरुवार रात को हुआ जिसमें 70 से ज्यादा लोगों की जान चली गई जबकि 150 से अधिक लोग घायल हो गए।
ये सूफी दरगाह मशहूर दमादम मस्त कलंदर वाले सूफी बाबा यानि कि लाल शाहबाज कलंदर की दरगाह है। इस आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन इस्लामिल स्टेट (आईसिस) ने ली है। पाकिस्तान में एक सप्ताह के भीतर हुआ ये पांचवां आतंकी हमला है। बताया जा रहा है कि आतंकी सुनहरे गेट से दरगाह के अंदर दाखिल हुए और पहले उसने ग्रेनेड फेंका लेकिन जब वो फटा नहीं तो उसने आत्मघाती हमला किया। जानकारी के मुताबिक जिस समय ये धमाका हुआ उस समय सूफी रस्म धमाल हो रही थी और उस समय दरगाह परिसर में सैंकड़ों की संख्या में लोग मौजूद थे।
इस हमले की जानकारी संगठन ने अपनी समाचार एजेंसी अमाक के जरिए लेते हुए कहा कि इसमें शिया लोगों को निशाना बनाया गया है। हमले के तुंरत बाद दरगाह में अफरा-तफरी का माहौल बन गया जिसके बाद घायलों को अस्पताल भेजा गया।
बीते 12 साल में 25 दरगाहों को बनाया गया निशाना:-
पाकिस्तान में बीते एक सप्ताह में ये पांचवा आतंकी हमला है और अगर दरगाहों पर हुए हमले की बात करें तो 12 साल में 25 बार आतंकियों ने खूनी खेल के लिए दरगाह को निशाना बनाया। ये दरगाह काफी दूर स्थित है ऐसे में हैदराबाद, जमशोरो, मोरो , दादू और नवाबशाह से एबुलेंस , वाहनों और चिकित्सा दलों को मौके पर भेजा गया।
शरीफ ने बुलाई आपातकालीन बैठक:-
इस धमाके बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाब शरीफ ने तुंरत आपातकालीन बैठक बुलाई और हालात का जायजा लिया। इसके साथ ही पाक सेना से कहा कि वो रात में उड़ सकने वाले हेलीकॉप्टर मुहैया कराए ताकि शवों और घायलों को लाया जा सके।
जानिएं दरगाह से जुड़ी कुछ खास बातें:-
-ये दरगाह दुनिया भर में दमादम मस्त कलंदर वाले सूफी बाबा शाहबाज कलंदर की दरगाह है।
-महान सूफी कवि अमीर खुसरो ने शाहबाज के सम्मान नें दमादम मस्त कलंदर गाना लिखा था।
-बाद में इसमें बदलाव करके झूलेलाल कलंदर कर दिया गया।
-इस गीत की वजह से दरगाह की लोकप्रियता ज्यादा बढ़ी।
-शाहबाज कलंदर का असली नाम सैयद मुहम्मद उस्मान मरवंदी था।
-वो लाल कपड़े धारण करते थे इसलिए उनके नाम के साथ लाल जोड़ दिया गया।