नई दिल्ली। सरकार के नोट बंदी के फैसले के चलते सरकार को चारों तरफ से आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। जहां एक ओर जानकार सरकार के इस फैसले को अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए उठाया गया कदम करार दे रहे है वहीं विरोधी पार्टियां सरकार को इस फैसले को वापस लेने का दबाव डाल रही है। संसद के शीतकालीन सत्र से ठीक एक दिन पहले सरकार ने भाजपा की संसदीय बैठक बुलाकर अपने तेवर को सख्त करने का ऐलान किया तो वहीं मंगलवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने नोटबंदी को लेकर विवादास्पद बयान दिया है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा सरकार की तैयारी पूरी नहीं होने की वजह से लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। इस सरकार ने जनता को दुख और तकलीफ दी है लोग सड़को पर लाइनों में खड़े है। जो सरकार जनता को दुख देती है जनता उस सरकार को हटा देती है। बतौर यूपी के मुख्यमंत्री मुझे नए नोट के कोई भी आंकड़े नहीं पता चल पा रहे है। मैं कालेधन के खिलाफ है लेकिन कभी-कभी अर्थशास्त्री कहते है कि मंदी के समय में कालाधन अर्थव्यवस्था को बचाता है।