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कर्नाटक में ब्लैक फंगस के मामले बढ़े, सरकार ने विशेषज्ञ की टीम गठित की

लखनऊ में ब्लैक फंगस इंजेक्शन की कमी, रेड क्रॉस सोसाइटी ने खड़े किए हाथ

बेंगलुरु: राज्य में कोरोना के मरीज लगातार ब्लैक फंगस की चपेट में आ रहे है। अब तक 97 से ज्यादा मामले मिल चुके हैं। मामलों की रोकथाम और पता लगाने के लिए सरकार ने एक समिति का गठन किया है। जो ब्लैक फंगस से संक्रमित मरीजों का पता लगाएगी और वक्त पर मरीजों का इलाज कराया जा सके।

समिति के प्रमुख बेंगलुरु मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट में इएनटी विभाग के प्रमुख डॉक्टर एच. एस सतीश समिति के अध्यक्ष बनाए गए हैं। समिति में मिंटो अस्पताल की बीएल सुजाता राठौर और नारायण नेत्रायल के डॉ. भुजंग शेट्टी भी शामिल हैं। कर्नाटक सरकार ने ब्लैक फंगस को नोटिफाइएबल डिसीज घोषित किया है। इसका सीधे तौर पर यह मतलब है कि सभी अस्पताल इसके मरीजों की जानकारी सरकार को देंगे।

मंत्री ने समिति के साथ की बैठक

समिति का गठन करने के बाद चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री ने बैठक की। बैठक के बाद मंत्री ने कहा कि, उन्होंने समिति को संक्रमण का पता लगाने के निर्देश दिए हैं। ऑक्सीजन में अशुद्धता ह्यूमिडिफायर या वेंटिलेटर सिस्टम उपकरण में समस्या के कारण अगर मरीज ब्लैक फंगस का शिकार होते हैं तो इसका पता लगाने बेहद जरूरी है।

इन अस्पतालों में मरीज करा सकेंगे इलाज

कर्नाटक में ब्लैक फंगस के मरीजों के इलाज के लिए मैसूर मेडिकल कॉलेज, शिवमोग्गा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस गुलबर्गा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, कर्नाटक इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज और मेंगलुरू स्थित वेनलॉक सरकारी अस्पताल को केंद्र के रूप में चिंहित किया गया है। सरकार ने बताया कि जल्द ही ब्लैक फंगस के मरीज इन सभी अस्पतालों में इलाज करा सकेंगे।

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