मुज़फ्फरनगर: भारतीय जनता पार्टी से कोई संबंध न रखा जाए। उनको (भाजपा नेताओं) को शादी, विवाह व तेरहवीं का निमंत्रण नहीं देना चाहिए। अगर कोई उनको निमंत्रण देता है तो हमें बताएं और अगले दिन उसे अपने घर से 100 लोगों का खाना भेजना होगा। ये बातें भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने कही हैं।
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नरेश टिकैत ने भाकियू मुख्यालय पर आयोजित मासिक पंचायत में कहा कि, कोई भी भाई किसी भी गांव में भाजपा नेताओं को शादी, विवाह व तेरहवीं का निमंत्रण नहीं भेजेगा। अगर कोई व्यक्ति भाजपा नेताओं को निमंत्रण देने का दोषी पाया गया तो वह अगले ही दिन 100 लोगों का खाना बनाकर भेजेगा।
भाकियू अध्यक्ष ने कहा- आप मान सकते हैं बहिष्कार
वहीं, जब मीडिया वालों ने इसे बीजेपी के बहिष्कार पर जोड़कर सवाल पूछा तो भाकियू अध्यक्ष ने कहा, ‘अगर वे (भाजपा नेता) उनके साथ दुर्व्यवहार करते हैं, तो वे भारतीय किसान यूनियन और हम पर आरोप लगाएंगे। तो मैंने कहा कि उन्हें अपने घरों में खुश रहना चाहिए। यदि आप चाहें, तो इसे बहिष्कार मान सकते हैं।’
If they (BJP leaders) are misbehaved with, they will accuse Bharatiya Kisan Union and us. So I said that they should stay happy in their own homes. If you want, you can consider this a boycott: Naresh Tikait, president of the Bharatiya Kisan Union (BKU) pic.twitter.com/cTiMwwWpu4
— ANI UP (@ANINewsUP) February 19, 2021
‘किसान आंदोलन अब मान-सम्मान की लड़ाई’
नरेश टिकैत ने कहा कि किसान आंदोलन अब हमारे लिए मान-सम्मान की लड़ाई हो गई है। किसान समाज की पगड़ी की लड़ाई हो गई है। हमें अपनी जमीन और इज्जत दोनों बचानी हैं, इसलिए हम इस आंदोलन को और भी मजबूती के साथ लड़ने का काम करेंगे। उन्होंने कहा, किसानों को दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर पर बैठे हुए करीब तीन माह होने वाले हैं, लेकिन सरकार के पास उनसे मिलने का समय नहीं है और न ही बात करने का समय है।
भाकियू अध्यक्ष ने कहा, 200 से ज्यादा किसान दिल्ली बॉर्डर पर अलग-अलग जगह शहीद हो चुके हैं, लेकिन प्रधानमंत्री जी ने एक बार भी इन शहीदों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त नहीं की है। अब जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होंगी, किसान दिल्ली बॉर्डर पर डटा रहेगा और आंदोलन चलता रहेगा।
‘चार सालों से गन्ने के रेट में नहीं हुई बढ़ोतरी’
उन्होंने यूपी में बिजली के दाम पड़ोसी राज्यों से ज्यादा हैं। डीजल का दाम भी आसमान छू चुका है, ऐसे में किसान बर्बाद नहीं होगा तो और क्या होगा। किसान बैंक के कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है। बीते चार सालों से उत्तर प्रदेश में गन्ने के रेट में भी कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। ऐसे में किसान अपना बैंक का कर्ज कैसे उतारेगा और अपना गुजारा कैसे करेगा।
‘हम पैसा वापसी को तैयार हैं’
भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि, हम तो अपने खाते से जो सरकार ने 10 रुपए बढ़ाए थे, उनका जितना हिसाब बनता है, वह राजकीय कोष में जमा कराने को तैयार हैं। साथ ही और भी किसानों से अनुरोध करके पैसा राजकीय कोष में जमा करवा देंगे। अगर इस प्रकार से भी सरकार का घाटा पूरा होता है तो हम पैसा भी वापस करने को तैयार हैं।