इंदौर। देश के कई शहरो के नाम बदलने के बाद अब मध्यप्रदेश के शहर इंदौर का नाम बदलने को लेकर चर्चा हो रही है। इंदौर नगर निगम के पार्षदों के सम्मेलन में एक प्रस्ताव पेश किया गया है, जिसमें इंदौर का नाम बदलकर इंदूर किए जाने की मांग की गई है। इस मांग को लेकर नगर निगम के सभापति अजय सिंह नरूका ने बताया कि वॉर्ड क्रमांक संख्या 70 के बीजेपी पार्षद सुधीर देड़गे ने एतिहासिक तथ्यों का हवाला देते हुए इस बैठक में कहा कि इंदौर का मूल नाम इंदूर है, इसलिए शहर को इसी नाम से संबोधित किया जाना चाहिए।
मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर का नाम बदलने को लेकर नरूका ने बताया कि देड़गे से कहा गया है कि वो अपने दावे के समर्थन में एतिहासिक दस्तावेज पेश करें। इसके बाद ही हम विचार-विमर्श करने के बाद उनके प्रस्ताव पर उचित कदम उठाएंगे कि इंदौर का नाम बदला जाना चाहिए के नहीं। वहीं देड़गे ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि प्राचीन इंद्रेश्वर महादेव मंदिर के कारण इस शहर का नाम इंदूर रखा गया था।
उन्होंने बताया कि अंग्रेजों ने भारतीय संस्कृति को बिगाड़ने के लिए इंदूर को इंदौर नाम से संबोधित करना शुरू कर दिया, जिसके बाद इंदूर का नाम इंदौर हो गया। बीजेपी के पार्षद देड़वे ने इंदौर के इतिहास का जिक्र करते हुए कहा कि इंदौर पूर्व में होलकर शासकों की राजधानी रहा है और रियासत काल के कई ऐतिहासिक दस्तावेजों में भी इस शहर को इंदूर नाम से ही संबोधित किया गया है।