भाजपा , हाल ही में हुए 5 राज्यों में विधान सभा चुनाव हारने के बाद आगामी लोकसभा चुनाव में 2014 की तरह नतीजे पाने की कोशिश में जुट गयी है। ‘नेशन विद नमो’ और ‘पहला वोट मोदी के नाम’ अभियान के द्वारा ऐसे वोट बैंक को साधने के लिए टारगेट कर रही है। जो युवा पहली बार वोट डालेंगे। भाजपा के एक सीनियर पदाधिकारी ने न्यूज एजेंसी भाषा को बताया कि ‘भाजपा का मंत्र सबका साथ, सबका विकास है”।
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गौरलतब है कि 2019 लोकसभा चुनाव में अधिकतर बल युवाओं, महिलाओं, किसानों, दलितों, सैनिकों पर रहेगा। पार्टी का अपनी चुनावी रणनीति के तहत किसानों, आदिवासियों, दलितों, महिलाओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए देश के अलग-अलग हिस्सों में किसान कुंभ, बिरसा ग्राम सभा, भीम समरसता भोज, उज्जवला रसोई कार्यक्रम आयोजित करने का कार्यक्रम है।भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) 12 जनवरी को ‘नेशन विद नमो’ अभियान को औपचारिक रूप से आगे बढ़ाएगी। इसके तहत आने वाले समय में ‘नेशन विद नमो वॉलंटिय’ के माध्यम से देश में 50 लाख युवाओं को संकल्प दिलाया जाएगा।
वहीं दूसरी और पार्टी 15 जनवरी से 10 फरवरी तक देश की अलग-अलग यूनिवर्सिटी में युवा संसद कार्यक्रम आयोजित करेगी। बीजेपी ने पहली बार वोट डालने वाले युवाओं पर अधिक जोर दिया है और इन्हें पार्टी से जोड़ने के लिए ‘पहला वोट मोदी के नाम’ पहल शुरू की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में 2000 में जन्म लेने वाले और 2019 के चुनाव में योग्य मतदाताओं का जिक्र किया था। भाजपा इस पहल को आगे बढ़ाने पर बल दे रही है।
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आपको बता दें कि राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में बीजेपी को हार का सामना कराना पड़ा है। मालूम हो कि राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में क्रमशः 25, 29, 11 लोकसभा सीटें हैं। भारतीय जनता पार्टी ने 2014 के चुनाव में उक्त 65 सीटों वाले तीन राज्यों में 62 सीटों पर जीत दर्ज की थी। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों के के अनुसार 2019 में यह संख्या घटकर आधी हो सकती है।
गौरतलब है कि हार के बाद बीजेपी लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई है। इस चुनाव में मिली हार की पूर्ती पार्टी दक्षिण, पूर्व और पूर्वोत्तर राज्यों से करने की तैयारी में है। इस लिहाज से प्रधानमंत्री मोदी केरल, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में दो दर्जन से ज्यादा रैलियां करेंगे। इन इलाकों से लोकसभा की 122 सीटें आती हैं। भाजपा के एक पदाधिकारी ने बताया कि आने वाले चुनाव में किसान और कृषि क्षेत्र महत्वपूर्ण मुद्दा होगा। ऐसे में किसान परिवारों तक इसके बड़े स्तर पर प्रचार के लिए देशव्यापी अभियान शुरू किया गया है।
किसानों को जोड़ने की पहल के तहत तीन स्तर पर काम किया जा रहा है। केंद्रीय और प्रदेश टीम के साथ जिला प्रभारियों को इस काम में लगाया गया है। इसके तहत पंचायत स्तर पर ‘किसान कुंभ ग्राम सभा’ का आयोजन भी किया जाएगा। पार्टी ने हर बूथ पर करीब दो दर्जन कार्यकर्ताओं की टोली बनाई है। यह टोली सुबह-शाम और छुट्टी वाले दिनों में घर-घर जाकर परिवारों से मिलेगी। दुकानदारों, अन्य छोटे-मोटे काम करने वालों से भी संपर्क साधेगी।