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इलेक्शन सिस्टम में ये 5 बड़े बदलाव करना चाहती है बीजेपी

Amit Shah Narendra Modi इलेक्शन सिस्टम में ये 5 बड़े बदलाव करना चाहती है बीजेपी

बीजेपी के उपाध्यक्ष सहस्त्रबुद्धे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘एक देश, एक चुनाव’ पर हुई पब्लिक डिबेट की रिपोर्ट सौंपी है। बता दें कि पीएम मोदी पोचले एक साल से लोकसभा ओर विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाने पर जोर दे रहे हैं। इसके लिए पीएम ने एकेडमिक, राजनीतिक, सामाजिक स्तर पर विमर्श चलाने की बात भी कही। और अगले साल 2019 में होने वाले आम चुनाव से तकरीबन एक साल पहले बीजेपी उपाध्यक्ष की यह पब्लिक डिबेट की यह रिपोर्ट पीएम मोदी को सौंपी है।

 

Amit Shah Narendra Modi इलेक्शन सिस्टम में ये 5 बड़े बदलाव करना चाहती है बीजेपी

 

इस रिपोर्ट में की गई सिफारिशों को देखने से भाजपा के मंसूबे का अंदाजा मिलता है। आरएसएस से जुड़े रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी समूह ने भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद के साथ मिलकर एक सेमिनार का आयोजन किया था, जिसकी अध्यक्षता बीजेपी उपाध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे द्वारा की गई थी। इस सेमिनार में 16 विश्वविद्यालयों और संस्थानों के 29 अकादमी सदस्यों ने ‘एक देश, एक चुनाव’ विषय पर अपने रिसर्च पत्र प्रस्तुत किए थे।

 

चुनाव प्रणाली में ये 5 बदलाव करना चाहती है भारतीय जनता पार्टी

1. पीएम मोदी को सौंपी गई रिपोर्ट में बीजेपी ने मध्यावधि और उपचुनाव की प्रक्रिया को खारिज कर दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में एक साथ चुनाव कराने से अविश्वास प्रस्ताव और सदन भंग करने जैसे मामलों में भी मदद मिलेगी।

 

2. भाजपा की इस रिपोर्ट में कहा गया है ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ सिस्टम के तहत सदन में अविश्वास प्रस्ताव लाते हुए विपक्षी पार्टियों को अगली सरकार के समर्थन में विश्वास प्रस्ताव भी लाना जरूरी होगा। ऐसे में समय से पहले सदन भंग होने की स्थिति को टाला जा सकता है।

 

3. स्टडी रिपोर्ट में कहा गया है कि उपचुनाव के केस में दूसरे स्थान पर रहने वाले व्यक्ति को विजेता घोषित किया जा सकता है, अगर किसी कारणवश सीट खाली होती है।

 

4. रिपोर्ट में हर साल होने वाले चुनावों की वजह से पब्लिक लाइफ पर पड़ने वाले असर की कड़े शब्दों में आलोचना की गई है। रिपोर्ट देश में दो चरणों में एक साथ चुनाव कराए जाने की सिफारिश करती है।

 

5. नीति आयोग की ओर से दिए गए विमर्श पत्र के हवाले से रिपोर्ट कहती है कि एक साथ चुनाव कराए जाने के पहले चरण में लोकसभा और कम से कम आधे राज्यों के विधानसभा चुनाव एक साथ 2019 में कराए जाएं और फिर 2021 में बाकी राज्यों में विधानसभा चुनाव कराए जाएं।

 

गौरतलब है कि बीजेपी के अलावा अन्य राजनीतिक पार्टियों कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, एनसीपी और सीपीआई ने एक साथ चुनाव कराए जाने पर आपत्ति जताई है।

 

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