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सहारनपुर जिले की इस सीट पर अभी भी भाजपा को जीत का इंतजार, इस बार होगी दिलचस्प टक्कर

सहारनपुर जिले की इस सीट पर अभी भी भाजपा को जीत का इंतजार, होगी दिलचस्प टक्कर

लखनऊ: सहारनपुर जिले की एक ऐसी विधानसभा सीट, जहां बीजेपी को जीत का इंतजार है। उत्तर प्रदेश के पिछले विधानसभा चुनाव में जहां भारतीय जनता पार्टी में 300 से अधिक सीटें जीती, लेकिन इसके बाद भी एक बड़ा क्षेत्र ऐसा रहा, जहां भाजपा के उम्मीदवार जीतने में कामयाब नहीं हुए। इसमें सहारनपुर जिले और लोकसभा क्षेत्र की बेहट विधानसभा भी शामिल रही।

बेहट विधानसभा क्षेत्र परिसीमन के बाद में अस्तित्व में आया। यहां पहले विधानसभा चुनाव 2012 में हुए थे। इसके पहले यह मुजफ्फराबाद विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता था। कभी यहां से वर्तमान कांग्रेस नेता इमरान मसूद ने निर्दलीय जीत दर्ज की थी। 2007 के चुनाव के दौरान उन्होंने 43 हजार से अधिक वोट हासिल किए थे, उस चुनाव में बीजेपी के सुशील सैनी ने चौथा स्थान हासिल किया था।

जब 514 वोट से बदली किस्मत

बेहट विधानसभा क्षेत्र में पिछले दो विधानसभा चुनाव काफी दिलचस्प हो चुके हैं। यहां 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार नरेश सैनी ने 95000 वोट हासिल किए और अपने प्रतिद्वंदी बीजेपी के उम्मीदवार महावीर सिंह राणा को 25,000 से अधिक वोटों से हराया। यह वही महावीर सिंह राणा हैं, जिन्होंने 2012 के विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी की तरफ से जीत दर्ज की थी।

हालांकि उनके और नरेश सैनी के बीच जीत का अंतर मात्र 514 वोटों का था। ऐसे में यह समझा जा सकता है कि यह विधानसभा सीट बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस पार्टी के बीच घूमती रही है। पिछले चुनाव में महावीर सिंह बसपा छोड़कर बीजेपी में आ गए लेकिन फिर भी जीत दर्ज करने में कामयाब नहीं हो सके।

क्षेत्र में हैं कई मुद्दे

बेहट विधानसभा क्षेत्र के भौगोलिक परिदृश्य की बात करें तो यह क्षेत्र पहाड़ियों से घिरा हुआ है। यहां प्रसिद्ध मां शाकंभरी देवी का मंदिर भी है, जहां देश दुनिया से लाखों श्रद्धालु आते हैं और मां के दर्शन करते हैं। शिक्षा के साधनों की बात करें तो यहां प्राइवेट मेडिकल कॉलेज और इंजरिंग कॉलेज भी उपलब्ध है। एक स्पोर्ट्स कॉलेज भी यहां बनाया गया हैस मुख्य व्यवसाय की बात करें तो यहां खनन और स्टोन क्रेशर का काम होता है।

यह विधानसभा क्षेत्र मुस्लिम बाहुल्य है, लेकिन आर्थिक रूप से बहुत मजबूत नहीं है। कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहां अभी भी विकास के बहुत सारे काम होने हैं। पेयजल की समस्या क्षेत्र का सबसे बड़ा मुद्दा है। बरसात के मौसम में यहां अक्सर बाढ़ का खतरा भी बना रहता है।

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