योगी सरकार के मंत्रीमंडल विस्तार और प्रदेश संगठन में बदलाव की खबरों के बीच भाजपा के दिग्गजों में चुनावी दंगल भी शुरू हो गया है। बरेली जिले की कैंट विधानसभा सीट से पांच दिग्गज एक साथ चुनावी ताल ठोंकने को तैयार हैं।
कोरोना की दूसरी लहर जैसे-जैसे शांत हो रही है, वैसे-वैसे कैंट विधानसभा सीट का चुनावी पारा गरमाता जा रहा है। चुनाव नजदीक आता देख सभी दिग्गज अपने-अपने चुनावी समीकरण साधने में जुट गए हैं। इस सीट से टिकट मांग रहा कोई भी दावेदार दूसरे से बिल्कुल भी कमतर नही है।
मनीष अग्रवाल: मनीष अग्रवाल भाजपा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष राजेश अग्रवाल के बेटे हैं। राजेश अग्रवाल कैंट सीट से विधायक हैं। वह योगी सरकार में वित्तमंत्री रह चुके हैं। मंत्री पद से इस्तीफा देने के कुछ ही समय बाद पार्टी ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी। मनीष अग्रवाल लंबे समय से कैंट विधानसभा में सक्रिय हैं। विधानसभा के कार्यकर्ताओं के साथ उनका बेहतर तालमेल भी है। राजनीति और समाजसेवा के गुण उन्हें विरासत में मिले हैं। ऐसे में वह सबसे मजबूत दावेदारों में से एक हैं।
उमेश गौतम: उमेश गौतम बरेली नगर निगम के मेयर हैं। वह इन्वर्टिस यूनिवर्सिटी के चांसलर और मिशन अस्पताल के चेयरमैन भी हैं। उमेश गौतम ने भी कैंट सीट पर पूरी दमदारी के साथ तैयारी शुरू कर दी है। मंडल अध्यक्ष और कार्यकर्ताओं के सम्मान से लेकर घर-घर जाकर उनसे मिलने तक, वह जनसंपर्क के सभी कामों को बखूबी अंजाम दे रहे हैं। आम जनता और कार्यकर्ताओं के बीच पैठ और पकड़ बनाने में जुटे उमेश गौतम की दावेदारी भी किसी से कमजोर नहीं होगी।
संजीव अग्रवाल: संजीव अग्रवाल भाजपा के पुराने और कर्मठ कार्यकर्ता हैं। उनके पास इस वक्त प्रदेश के सह कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी है। लोकसभा से लेकर विधानसभा तक के चुनाव में पार्टी के लिए हमेशा महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले संजीव अग्रवाल इस बार खुद मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं। पार्टी के कहने पर उन्होंने हमेशा दावेदारी छोड़कर खुले मन से दावेदारों का चुनाव लड़ाया है। सो, इस बार उनका दावा भी मजबूत माना जा रहा है।
हर्षवर्धन आर्या: ब्रज क्षेत्र के उपाध्यक्ष हर्षवर्धन आर्या कुशल कार्यकर्ताओं के साथ अच्छे रणनीतिकार भी हैं। संगठन का उन पर इस कदर भरोसा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रैलियों में सभी इंतजाम दुरुस्त करने के लिए उन्हें खासतौर पर भेजा जाता है। वह संगठन के भरोसे पर हमेशा खरे भी उतरे हैं। हर्ष इस बार कैंट विधानसभा से चुनावी ताल ठोकेंगे। शुक्रवार को उन्हें सोशल मीडिया पर पोस्टर जारी करके इसका ऐलान भी कर दिया। हर्ष की पोस्ट के बाद कैंट का राजनीतिक तापमान बढ़ गया है।
पवन मिश्रा: भाजपा नेता पवन मिश्रा भी कैंट विधानसभा सीट से दावेदारी कर सकते हैं। कोरोना की पहली लहर में उन्होंने घर-घर जाकर लोगों की मदद की। कारोना की दूसरी लहर में भी वह इस कदर सक्रिय रहे कि खुद बीमार हो गए। कोरोना पीडि़त होने के बाद उनका इन दिनों अस्पताल में इलाज चल रहा है। कुछ ही समय में उन्होंने संगठन और कार्यकर्ताओं के बीच जो पैठ बनाई है, उससे इस सीट पर उनकी भी मजबूत दावेदारी है। कोरोना को मात देने के बाद वह पूरे दमखम के साथ चुनाव मैदान में उतरेंगे।
तमाम और नाम भी आ रहे सामने
भाजपा में दावेदारों के रूम में तमाम और नाम भी सामने आ रहे हैं। सूत्रों की मानें तो पार्टी इन्हीं चार नामों में से एक पर दांव लगाएगी। पार्टी का प्रत्याशी कौन होगा यह अभी कह पाना मुश्किल है। मगर इतना जरूर है कि कोरोना की दूसरी लहर के सामान्य होते ही कैंट में पूरे जोरशोर से चुनावी दंगल शुरू हो जाएगा।
दूसरी विधानसभाओं में भी चुनावी बिसात बिछाने में जुटे दिग्गज
भाजपा के दिग्गजों ने दूसरी विधानसभाओं में भी चुनावी बिसात बिछानी शुरू कर दी है। कैंट के साथ शहर, बहेड़ी, मीरगंज, नवाबगंज, फरीदपुर, आंवला, भोजीपुरा सीट पर भी तमाम नाम सामने आने शुरू हो गए हैं। नवाबगंज सीट पर विधायक केसर सिंह गंगवार का कोरोना से निधन हो गया है। खाली सीट पर पार्टी किस पर दांव लगाएगी यह अभी तय नहीं है। फरीदपुर सीट पर भाजपा के विधायक प्रोफेसर श्याम बिहारी लाल हैं। मगर, यहां से बरेली कॉलेज छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष जवाहर लाल ने दावेदारी ठोक दी है। आने वाले दिनों में कुछ और दावेदार सामने आने से मुकाबला दिलचस्प हो जाएगा।