गुपकर समझौते पर बीजेपी ने कसा तंज, कहा- जिन्होंने जम्मू-कश्मीर को लूटने वाले कर से गप्प और गद्दार गैंग का गठन

जम्मू। राज्य में डाॅ फारुख अब्दुल्ला के घर आज धारा 370 और अनुच्छेद 351 की बहाली को लेकर पीपल्स एलाइंस फाॅर गुपकार डिक्लेरेशन की जम्मू में पहली बैठक आज सुबह शनिवार को हुई। जिसके चलते एकजुट जम्मू और बजरंग दल ने पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला के घर से कुछ दूर इस बैठक का विरोध किया। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने जम्मू-कश्मीर में जिला परिषद चुनाव लड़ने का फैसला किया है। बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव तरुण चुग ने कहा कि हम जिला परिषद चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि डीडीसी चुनाव से जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र को मजबूती मिलेगी। लोग अपने प्रतिनिधि को चुन सकेंगे। साथ ही गुपकार समझौते को बीजेपी नेता ने ‘गप्पा-कार’ करार दिया।
पहली बार जिला विकास परिषद के चुनाव की घोषणा हुई-
बता दें कि गुपकार बैठक में भाग लेने पहुंचे सीपीआईएम के पूर्व विधायक मोहम्मद यूसुफ तरीगामी ने कहा कि गुप्कार घोषणा की जम्मू की यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सभी नेता कश्मीर की नहीं बल्कि जम्मू, कश्मीर और लद्दाख की बात करते हैं। उन्होंने कहा कि आज की इस बैठक में कई अहम विषय पर चर्चा होगी। जम्मू कश्मीर सरकार ने 28 नवंबर से प्रदेश में पहली बार जिला विकास परिषद के चुनाव की घोषणा की है और माना यह जा रहा है कि क्या यह सारे दल इस चुनाव में भाग लेंगे या नहीं। वहीं बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव तरुण चुग ने कहा कि हम जिला परिषद चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि डीडीसी चुनाव से जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र को मजबूती मिलेगी। साथ ही बीजेपी नेता तरुण चुग ने गुपकार समझौते को लेकर तंज कसा। उन्होंने कहा कि सात दशकों तक अब्दुल्ला एंड संस और मुफ्ती एंड संस ने जम्मू-कश्मीर के संसाधनों को लूटा है। उन्होंने एक ‘गप्प’ गैंग और ‘गद्दार गैंग’ का गठन किया है। अब उनका एजेंडा पूरा नहीं हो पाएगा।
गुपकार समझौते में जम्मू-कश्मीर के छह बड़े राजनीतिक दल शामिल-
जम्मू-कश्मीर के लिए नए भूमि कानून पर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि जो लोग कह रहे हैं कि जम्मू-कश्मीर को बेचने के रास्ते खोल दिए गए हैं, मैं उन्हें बता दूं कि तब यह बिक्री गुपकार बंगले से शुरू होगी। वे केवल झूठ फैला रहे हैं। कोई भी लोगों के मालिकाना हक को छीन नहीं रहा है। नए भूमि नियमों में सुरक्षा के पर्याप्त उपाय हैं। गुपकार समझौते से जुड़े राजनीतिक दलों ने जम्मू-कश्मीर की पहचान, स्वायत्तता और उसके विशेष दर्जे को बनाए रखने के लिए सामूहिक रूप से राजनीतिक आंदोलन चलाने का फैसला किया है। इस समझौते में जम्मू-कश्मीर के छह बड़े राजनीतिक दल शामिल हैं। जिनमें नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी, कांग्रेस समेत तीन और दल हैं।