लखनऊ: उत्तर प्रदेश में इस समय भारतीय जनता पार्टी की सरकार है, विधानसभा में उन्हें पूर्ण बहुमत प्राप्त है। जबकि विधान परिषद की बात करें तो इसमें भी अब भाजपा को बढ़त मिलने वाली है। दरअसल कुछ सदस्यों का कार्यकाल 5 जुलाई को खत्म हो रहा है, इसके बाद नए सदस्यों को मनोनीत किया जाएगा।
4 सदस्यों का कार्यकाल समाप्त
विधान परिषद के सदस्य निर्धारित समय तक सभा का हिस्सा रहते हैं। इसके बाद उनका कार्यकाल खत्म हो जाता है। 5 जुलाई को ऐसे ही 4 सदस्य विधान परिषद से विदा होंगे, इनके जाने के बाद नए सदस्य मनोनीत किए जाएंगे। इन पदों पर भाजपा की दावेदारी सबसे मजबूत दिखाई दे रही है। इसीलिए यह कहा जा रहा है कि विधान परिषद में भाजपा और मजबूती के साथ अब उपस्थित होगी। बता दें कि उत्तर प्रदेश विधान परिषद में कुल 100 सदस्य हैं, इनमें से 5 जुलाई को समाजवादी पार्टी की 4 सीटें खाली हो जाएंगी।
क्या है मौजूदा गणित
उत्तर प्रदेश विधान परिषद पर नजर डालें तो इस समय सदन में बीजेपी के 32 सदस्य, कांग्रेस के 2 सदस्य, अपना दल का एक सदस्य, बसपा के 6 सदस्य और निर्दलीय 6 सदस्य हैं। 2 सीटें अभी खाली हैं, वहीं समाजवादी पार्टी के सदस्यों की संख्या 51 है। 5 जुलाई के बाद सपा के 4 सदस्य घट जाएंगे। इसका फायदा सत्ताधारी बीजेपी को मिलेगा, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री भी इसी सदन के सदस्य हैं।
इनका खत्म होगा कार्यकाल
समाजवादी पार्टी की तरफ से 4 सदस्यों को तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की तरफ से मनोनीत किया गया था। जिसमें लीलावती कुशवाहा, रामवृक्ष सिंह यादव, लालू यादव के समधी जितेंद्र यादव और एसआरएस यादव शामिल थे। इन सभी लोगों का कार्यकाल 5 जुलाई 2021 को समाप्त हो जाएगा, इसके बाद नए सदस्य मनोनीत किए जाएंगे।