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भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष का वीआईपी कल्चर बना चर्चा का विषय, मिली है जेड सुरक्षा

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देहरादून। सूबे में गणमान्यों की सुरक्षा को लेकर सरकार और गृह विभाग ने कई लोगों को जेड श्रेणी की सुरक्षा प्रदान करने का निर्णय लिया है। जिसके बाद एक बार फिर चर्चाओं का बाजार गरम है। क्योंकि सरकार ने कई ऐसे नामों को भी अब अपनी सूची में जोड़ा है। जिनको लेकर ये चर्चा का बाजार गर्म हो गया है। इस बाबत मुख्य सचिव आन्नन्द वर्धन ने भी कहा कि उन्ही लोगों को सुरक्षा के संबंध में ये सुविधा प्रदान करती है। जिनकी राजनीतिक, सोशल या फिर कुछ ऐसी प्रोफाइल हो जिसको किसी आतंकी संगठन या किसी से खतरा हो । इसके साथ ही इनके प्रोफाइल को भी जांच के उपरांत ही सुरक्षा के दायरे में लाया जाता है।

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बता दें कि इस बार भी पूर्व की भांति ही मुख्यमंत्री, मुख्य न्यायाधीश, न्यायाधीश गण को जेड सुरक्षा दी गयी है। जिनमें धर्मवीर शर्मा, रिटायर्ड जज, शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद आदि है। इनमें से कुछ लोगों को ये सुरक्षा और एस्कॉर्ट सिर्फ राज्य प्रवास पर ही दी जाएगी। इसके साथ ही भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष को भी जेड श्रेणी की सुरक्षा मिली है। जिसको लेकर अब सवालों का बाजार गरम है। इस मामले में प्रमुख सचिव गृह आनंद बर्द्धन कहते हैं कि सुरक्षा देने के लिए गठित समिती सबंधित व्यक्ति के खतरे से जुडे सभी पहलुओ पर विचार के बाद ही तय करती है। किसको किस स्तर की सुरक्षा प्रदान की जानी है इसकी समय समय पर शासन स्तर पर भी समीक्षा की जाती है ।

गौरतलब है कि जेड प्लस- 36 सुरक्षाकर्मी होते हैं । इसमें 10 कमांडो और सिविल पुलिसकर्मी शामिल होते हैं। ये सुरक्षा सूबे में राज्यपाल और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को मिली है। इसमें सुरक्षा के दो घेरे होते हैं जबकि जेड- 22 सुरक्षाकर्मी तैनात होते हैं। राज्य कमांडो के साथ पुलिस के जवान तैनात रहते हैं। साथ ही जेड कैटगरी सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति को एक एस्कॉर्ट कार भी दी जाती है और वाई श्रेणी मे 11 सुरक्षाकर्मी तैनात होते हैं। इसमें दो पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर…पीएसओ…और 9 पुलिसकर्मी शामिल होते हैं। जिस पर करीब 48 लाख 60 हजार रुपये प्रति महा का खर्च आता है। साथ ही एस्कॉर्ट का खर्चा और पुलिसकर्मियों के टीए-डीए का खर्चा अलग से शामिल हैं। इसके साथ ही एक्स श्रेणी- 2 सुरक्षाकर्मी तैनात होते हैं, जिनमें एक पीएसओ शामिल होता है। जहां सरकार वीआईपी कल्चर को खत्म करने की बात कर रही है। वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष का वीआईपी कल्चर अब चर्चा का विषय बना हुआ है।

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