लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार अब भोजपुरी फिल्मों पर एक्टिविस्ट नूतन ठाकुर ने हजरतगंज थाने में जांच के लिए शिकायत की है। नूतन का कहना है कि भोजपुरी में अश्लीलता का विरोध करने वाले गोरखपुर के सांसद सहित 21 फिल्मों को गलत प्रमाण पत्रों के सहारे अनुदान लिया गया है। नूतन ने पंडित जी बताई ना ब्याह कब होई-2 सहित 21 फिल्मों की सूची दी है।
82.52 लाख का मिला था अनुदान
नूतन ने कहा रवि किशन की फिल्म को 82.52 लाख का अनुदान दिया गया। फिल्म के निर्माता रवि किशन-समीर त्रिपाठी ने आवश्यक अभिलेख प्रस्तुत नहीं किये थे।
फर्जी अभिलेख प्रस्तुत किए थे-नूतन
साथ ही कई फर्जी अभिलेख भी लगाये गए थे। और फिल्म के पांच एक्टर के यूपी के प्रमाण पत्र भी नहीं लगाए थे। फिल्म के व्यय के बीजक भी नहीं लगाए थे।
रवि किशन ने दो अलग-अलग अकाउंट से प्रमाण पत्र जारी किए
रवि किशन और समीर त्रिपाठी ने दो अलग-अलग चार्टर्ड अकाउंटेंट से फिल्म के कुल लागत का प्रमाणपत्र उपलब्ध कराया, जिसमे संजीव श्रीराम वर्मा ने लागत 3,81,81,000 करोड़ और एनआर गोलचा ने 2,18,01,662 करोड़ का प्रमाणपत्र दिया है।
आठ दिसंबर 2020 से जांच लंबित है
इस पूरे प्रकरण में दरोगा चंद्रभान गिरी ने कहा कि फिल्म बंधू में इस संबंध में जाँच से जानकारी मिली है 2016-17 में 21 फिल्मों को गलत अनुदान के संबंध में शासन द्वारा आठ दिसंबर 2020 को विभागीय जाँच गठित की गयी जो अभी लंबित है। उन्होंने कहा कि विभागीय जाँच के बाद ही विधिक कार्रवाई की जाएगी।
नूतन ने इतने गंभीर मामले में आठ माहिने के बाद भी जाँच लंबित रहने पर अपनी आपत्ति प्रकट की है। एक्टिविस्ट नूतन ने हजरतगंज थाने में जांच रिपोर्ट पेश की है।