गुजरात। देश की राजनीति में आए दिन इस्तीफे देने का सिलसिला चलता रहता है। ये इस्तीफा कभी पार्टी बदलने को लेकर होता है तो कभी कुछ और कारण होता है। लेकिन गुजरात के कुछ अलग ही मामला दिखाई पड़ रहा है, जहां भरूच से भाजपा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनसुख वसावा ने आज बीजेपी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने इस्तीफे का कारण साफ करते हुए कहा कि उनकी गलतियों के कारण पार्टी की छवि खराब न हो। इसलिए वह इस्तीफा दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह संसद के बजट सत्र के बाद लोकसभा के सदस्य के तौर पर भी इस्तीफा दे देंगे। भरूच से छह बार सांसद रहे वसावा ने गुजरात बीजेपी अध्यक्ष आर सी पाटिल को लिखे पत्र में कहा कि मैं इस्तीफा दे रहा हूं, ताकि मेरी गलतियों के कारण पार्टी की छवि खराब न हो। मैं पार्टी का वफादार कार्यकर्ता रहा हूं, इसलिए कृपया मुझे माफ कर दीजिए।
वासवा ने इन इन मांगों को लेकर पीएम को लिखा था पत्र-
बता दें कि वसावा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पिछले सप्ताह पत्र लिखकर मांग की थी कि पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की नर्मदा जिले के 121 गांवों को पर्यावरण के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्र घोषित करने संबंधी अधिसूचना वापस ली जाए। वसावा ने 28 दिसंबर को पाटिल को लिखे पत्र में कहा कि वह संसद के बजट सत्र के दौरान लोकसभा अध्यक्ष से मुलाकात के बाद भरूच से सांसद के तौर पर इस्तीफा दे देंगे। वसावा ने कहा कि उन्होंने पार्टी का वफादार बने रहने और पार्टी के मूल्यों को अपने जीवन में आत्मसात करने की पूरी कोशिश की। उन्होंने कहा कि मैं अंतत: एक मनुष्य हूं और मनुष्य गलतियां कर देता है। पार्टी को मेरी गलतियों के कारण नुकसान नहीं हो, यह सुनिश्चित करने के लिए मैं पार्टी से इस्तीफा दे रहा हूं और पार्टी से माफी मांगता हूं।
पाटिल ने वासवा को हर समस्या का समाधान करने का भरोसा दिलाया-
वहीं बीजेपी प्रवक्ता भरत पंड्या ने वसावा के इस्तीफे के बारे में कहा कि पार्टी को सोशल मीडिया के जरिए इस्तीफा मिला। इसके साथ ही पंड्या ने कहा कि पाटिल ने उनसे बात की है और उन्हें भरोसा दिलाया है कि उनकी हर समस्या का समाधान किया जाएगा। वसावा गुजरात में पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं सांसद हैं और हम उनकी सभी समस्याओं को सुलझाएंगे।