भोपाल। मध्य प्रदेश में बीजेपी की एक मंत्री ने रामायण के लेखक महर्षि वाल्मिकी पर बयानबाजी करते हुए उन्हें डाकू कह डाला। मंत्री की इस टिप्पणी के बाद हंगामा मच गया और मंत्री को सभा से माफी मांगनी पड़ी,लेकिन मंत्री के माफी मांगने के बाद भी मामला शांत नहीं हो सका। दरअसल मध्य प्रदेश की महिला एंव बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनीस अखिल भारतीय वाल्मिकि समाज के सम्मेलन में भाग लेने पहुंची थी। इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन में महर्षि वाल्मिकी को डाकू कह डाला, जिसके चलते वहां बैठे वाल्मिकि समाज के लोग उनसे नाराज हो गए।
मंत्री का भाषण खत्म होने के बाद वाल्मिकि समाज के कुछ लोगों ने उनका विरोध किया। लोगों का कहना था कि महान ऋषि को डाकू कहकर मंत्री ने उनका अपमान किया है। हालांकि चिटनीस ने तुरंत माफी मांगते हुए कहा था कि उनकी बातों का गलत मतलब निकाला जा रहा है। इसके बाद मंत्री ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मैं केवल ब्रिटिश काल के दौरान लिए गए इतिहास को ठीक करने की बात कर रही थी, लेकिन अगर किसी को मेरे शब्दों से ठेस पहुंची है तो मैं तहे दिल से माफी मांगती हूं। वहीं मंत्री के माफी मांगने के बाद भी लोगों का गुस्सा शांत नहीं हुआ।
उनके द्वारा महर्षि वाल्मीकि पर की गई अशोभनीय टिप्पणी के विरोध में उनके अनुयायियों व कांग्रेसियों ने बीजेपी सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जुलूस निकालकर मंत्री का पुतला दहन किया। प्रदर्शनकारियों ने सदर स्थित कजलीवन मैदान से जुलूस निकाला जो सदर बाजार, शास्त्री चौक से होता हुआ कबूला पुल से केण्ट अस्पताल होकर वापस झांसी बस स्टेण्ड पहुंचा। यहां कांग्रेसियों ने बीजेपी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और मंत्री अर्चना चिटनीस का पुतला जलाकर उन्हें बर्खास्त करने की मांग की।
प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि बीजेपी मंत्री द्वारा की गई अशोभनीय टिप्पणी महर्षि वाल्मीकि जी का ही नहीं समूचे सनातन धर्म का अपमान है। आरएसएस और बीजेपी में अगर जरा सी भी नैतिकता बची हो तो मंत्री को तत्काल मंत्री मण्डल से बर्खास्त करें। यदि मंत्री का इस्तीफा नहीं लिया गया तो कांग्रेस पार्टी संत महात्माओं और महापुरूषों के सम्मान में प्रदेश में विरोध प्रदर्शन, पुतले दहन करेगी।