नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के साथ सरकार चला रही तेलगू देशम पार्टी ने बजट आने के बाद नाराजगी जाहिर की है। टीडीपी ने केंद्रीय बजट में आंध्र प्रदेश के लिए आवंटन पर गंभीर नाराजगी जताते हुए एनडीए से अलग होने का निर्णय लेने के संकेत दिखाए हैं। वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा बजट पेश किए जाने के बाद टीडीपी के अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने अपने पार्टी के सांसदों के साथ एक टेलीकॉन्फ्रेंस किया है, जिसमें दिल्ली में विज्ञान प्रौद्यौगिक मंत्री वाईएस चौधरी के आवास पर जमा होने के लिए कहा गया है।
सांसदों ने पार्टी अध्यक्ष से शिकायत की है कि बजट पूरी तरह से निराशाजनक था और आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम में किए गए किसी भी वादे को बजट में कोई भी उल्लेख नहीं मिला। सांसदो ने नायडू से कहा कि विशाखापत्तनम के लिए रेलवे जोन के वादे का बजट में कोई जिक्र नहीं था और न ही नई राजधानी अमरावती के निर्माण के लिए आवंटन का कोई संदर्भ था। मिली जानकारी के मुताबिक नायडू ने 4 फरवरी को विजयवाड़ा में टीडीपी सांसदों की आपात बैठक बुलाई है ताकि भविष्य की कार्रवाई की जा सके। मंत्री ने कहा कि ‘बजट पूरी तरह निराशाजनक था हम रविवार को सांसदों की बैठक में सही निर्णय लेंगे। हम किसी भी बलिदान के लिए तैयार हैं।
टीडीपी सांसद टीजी वेंकटेश का कहना है कि हम युद्ध घोषित करने जा रहे हैं,जिसके लिए हमारा पास तीन विक्लप हैं। पहला कोशिश और जारी रखना दूसरा हमारे सांसदों का इस्तीफा और तीसरा गठबंधन को तोड़ने का। उन्होंने कहा कि इसको लेकर रविवार को होने वाली बैठक में फैसला लिया जाएगा। गौरतलब है कि नायडू ने एनडीए से अलग होने की संभावनाओं पर भारतीय जनता पार्टी को जिम्मेदार ठहराया था, जोकि एनडीए का सहयोगी है। वहीं बीजेपी की आंध्र इकाई के नेताओं की ओर से टीडीपी की आलोचना पर पहली बार प्रतिक्रिया दे रहे नायडू ने कहा था कि इनको नियंत्रण में करना बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व का काम है।