पटना। बिहार में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के सबसे बड़े घटक जनता दल (यू) ने अपनी सहयोगी भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को उत्तेजित बयान ना देने की सलाह दी। जदयू के राज्यसभा सांसद तथा राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने शनिवार को संवाददाताओं के साथ बातचीत करते हुए कहा कि जनता दल (यू) पूरी तरह से संगठित पार्टी है और इस दल में पार्टी के नेता का महत्व है । उन्होंने भाजपा के नेताओं से अनुरोध किया कि गठबंधन धर्म के नियम और एथिक्स का पालन करते हुए भड़काऊ और उत्तेजित बयान देने से वे परहेज करें।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में जदयू के नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए एक कठिन घड़ी है, जिसे वे सहज ही पार कर लेंगे। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की धर्मनिरपेक्षता महात्मा गांधी और राम मनोहर लोहिया के मार्ग की है न कि राजद के नेता लालू यादव और तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी जैसी।
केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अश्विनी चौबे के पुत्र अर्जित शाश्वत के संदर्भ में उन्होंने कहा कि बेहतर राजनीतिक भविष्य के लिए अर्जित शाश्वत को आत्मसमर्पण कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि जदयू के सामने छोटे बड़े का कोई मसला नहीं है और कानून की नजर में भी मुजरिम मुजरिम ही होता है। उन्होंने कहा कि किसी भी बड़े व्यक्तित्व का पुत्र हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने माना कि अर्जित शाश्वत पर आपराधिक मामला दर्ज हुआ है, इसलिए अपने राजनीतिक भविष्य की चिंता करते हुए उसे आत्मसमर्पण कर देना चाहिए।