केरल में विधानसभा चुनाव के पहले मेट्रो मैन ई श्रीधरन ( E Sreedharan) भारतीय जनता पार्टी में शामिल होंगे
केरल में विधानसभा चुनाव के पहले भाजपा के लिए राज्य में बड़ी सफलता हाथ लगी हैं। मेट्रो मैन के नाम से पूरे देश में मशहूर ई श्रीधरन (Metro Man E Sreedharan) भारतीय जनता पार्टी में शामिल होंगे। माना जा रही है कि पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष के सुरेंद्रम की अगुवाई में 21 फरवरी को होने वाली विजय यात्रा में ई श्रीधरन भाजपा में शामिल होंगे।
मीडिया से बात करते हुए ई श्रीधरन ने बताया की
श्रीधरन ने मीडिया से बात करते हुए यह बताया की, ‘यह निर्णय अचानक नहीं लिया है, मैं पिछले एक दशक से केरल में हूं और राज्य के लिए कुछ करना चाहता हूं, मैं अकेले कुछ नहीं कर सकता, इसलिए मैं भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुआ हूं।’ राज्य में मेट्रो परियोजनाओं पर केरल सरकार को सलाह देने वाले श्रीधरन ने कहा कि वह अब वे सरकार को किसी भी प्रकार का सलाह देना बंद कर देंगे। अब मैं भाजपा केंद्रित गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करूंगा।’
आपको बता दे की साल 2017 में लखनऊ मेट्रो के उद्घाटन के दौरान एक मामूली विवाद हुआ था, भाजपा के शीर्ष नेताओं ने ‘मेट्रो मैन’ ई श्रीधरन को लखनऊ मेट्रो के उद्घाटन कार्यक्रम से दूर रखा था। इसके बाद से ही यह माना जा रहा था की, ई श्रीधरन भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से नाराज थे, लेकिन भाजपा में शामिल होकर श्रीधरन सभी अटकलों एक बार में खारीज कर दिया था।
आरंभिक जीवन और कैरियर
ई श्रीधरन का जन्म पलक्कड़ जिला के करूकापुथूर गांव में हुआ था। नीलकंदन मूसा और अम्मालुअम्मा के घर पैदा होने वाले ई श्रीधरन की आरंभिक शिक्षा गांव के ही सरकारी स्कूल में हुई। इसके बाद सीनियर सेंकडरी पालघाट और बाद सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री के लिए ये आंध्र प्रदेश के काकीनाडा गए।
पढ़ाई के बाद शुरूआत में कुछ समय के लिए शिक्षक बने लेकिन जल्द ही यूपीएससी क्वॉलीफाई करने के बाद भारतीय रेल में अपनी सेवाएं शुरू कीं। जिसके लिए भारतीय रेल उन्हें हमेशा याद करता है। साइक्लॉन से तबाह हो चुके पंबन पुल को दोबारा जोड़ने का काम ई श्रीधरन ने रिकार्ड समय में पूरा किया था।
मेट्रो मैन, बनने का सफर
इसकी शुरूआत कोलकाता मेट्रो से हुई. 1970 में कोलकाता मेट्रो ज्वाइन करने के बाद ई श्रीधरन की जिम्मेदारी इसकी संरचना, रूप-रेखा तैयर करने और इसे लागू करने की थी। दिल्ली मेट्रो का सफर तो हम सब जानते हैं ही। दिल्ली मेट्रो को बुलंदियों तक पहुंचाने वाले ई श्रीधरन 1995 से लेकर 2012 तक इसके प्रबंध निदेशक के रूप में जुड़े रहे।