शिमला। हिमाचल के स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने बुधवार को बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा है कि वह हिमाचल में एम्स बनाने के मुद्दे पर यहां की जनता को गुमराह कर रही है। कौल सिंह ने बुधवार को एक बयान में कहा कि प्रदेश में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की स्थापना में देरी को लेकर राज्य के बीजेपी नेता काफी हो-हल्ला कर रहे हैं, लेकिन हैरानी की बात है कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा अभी तक एम्स की अधिसूचना ही जारी नहीं की गई है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल तथा अन्य चार राज्यों में एम्स जैसे संस्थानों की स्थापना का प्रस्ताव केवल केन्द्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली के वर्ष 2015-16 के बजट भाषण में किया गया था।
बता दें कि कौल सिंह ने आरोप लगाया कि भाजपा एम्स के नाम पर अनावश्यक अफवाहें फैला कर लोगों को गुमराह कर रही है। राज्य सरकार ने छह अप्रैल 2016 को 681-09 बीघा भूमि को चिन्हित कर इसे स्वास्थ्य विभाग के नाम पर हस्तांतरित किया और इसके बारे में 24 अप्रैल, 2016 को केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को सूचित भी किया। भाजपा इन तथ्यों को सुनिश्चित किए बगैर भ्रामक बयानबाजी कर रही है।
वहीं कौल सिंह ने कहा कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा के आग्रह पर राज्य सरकार ने बिलासपुर के कोठीपुरा में भूमि का पता लगाया तथा राज्य मंत्रिमण्डल की 24 दिसम्बर, 2014 को आयोजित बैठक में स्वास्थ्य मंत्री के आग्रह पर प्रतिष्ठित स्वास्थ्य संस्थान की स्थापना के लिए मंजूरी प्रदान की गई थी।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने आज तक संस्थान की स्थापना के लिए अधिसूचना जारी नहीं की है। भाजपा नेता केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय से प्रश्न करने के बजाए एम्स के नाम पर घटिया राजनीति कर राज्य के लोगों को गुमराह कर रहे हैं।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह कहना गलत है कि राज्य सरकार एम्स की स्थापना में देरी कर रही है, बल्कि राज्य सरकार द्वारा भूमि के चयन तथा हस्तांतरण संबंधी सभी औपचारिकताओं को पूरा कर लिया गया है और अब वन स्वीकृति प्राप्त करना प्रयोक्ता एजेंसी पर निर्भर करता है।