बीजेपी का 2014 के लोकसभा चुनाव में अमह मुद्दों में से एक रहा था काले धन और भ्रष्टाचार का मुद्दा। मालूम हो कि भारतीय जनता पार्टी ने विदेशों में जमा काला धन को वापस लाने के लिए कई दावे किए थे।जिस पर बीजेपी ने भारी बहुमत के साथ सरकार बनाई थी।
काले धन के खिलाफ कथित मोर्चा चलाने वाली सरकार की नाकामी का खुलासा स्विस बैंक के हालिया आंकड़ें कर रहें हैं
आपको बता दें कि सरकार बननें के बाद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में कई बार कहा कि कि पूर्व सरकारों में कहा जाता था कि ‘कितना पैसा गया, लेकिन अब बात होती है कि कितना पैसा आया’। गौरतलब है कि काले धन के खिलाफ कथित मोर्चा चलाने वाली सरकार की नाकामी का खुलासा स्विस बैंक के हालिया आंकड़ें कर रहें हैं।
स्विस बैंक में भारतीयों की जमापूंजी में 50 फीसदी की बढ़त, मोदी सरकार पर सुब्रमण्यम के तल्ख तेवर
पिछले एक साल में भारतीयों की जमा पूंजी में करीब 50% की बढ़त देखी गई
आपको बता दें कि स्विस बैंक ने जो ताजा आंकड़े जारी किए हैं उसमें दिख रहा है कि पिछले एक साल में भारतीयों की जमा पूंजी में करीब 50% की बढ़त देखी गई है। मालूम हो कि पिछले तीन साल से ये आंकड़े लगातार घट रहे थे। लेकिन अचानक 2017 में इतना उछाल मोदी सरकार में देखा गया।
विपक्ष के साथ मोदी सरकार के कई साथी भी मोदी से खपा हो गए हैं
गौरतलब है कि इस आंकड़े को बहुत ही चिंता जनक माना जा रहा है। क्योंकि मोदी सरकार आने के बाद लगातार तीन साल कालेधन में कमी देखी गई लेकिन 2016 में नोटबंदी के फैसले के बाद इसमें बढ़ोतरी देखी गई ।आपको बता दें कि बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने आंकड़ों को लेकर वित्त मंत्रालय में सचिव हसमुख अधिया पर निशाना साधा। स्वामी ने शुक्रवार सुबह ट्वीट करते हुए कहा कि वित्त सचिव अधिया के लिए एक बड़ी कामयाबी है
कड़े जारी किए हैं वह 2017 के हैं और नोटबंदी 8 नवंबर, 2016 को लागू हुई थी
स्विस बैंक ने जो आंकड़े जारी किए हैं वह 2017 के हैं और नोटबंदी 8 नवंबर, 2016 को लागू हुई थी। यानी साफ है कि नवंबर 2016 और 2017 के बीच सबसे ज्यादा पैसा स्विस बैंक में जमा हुआ। प्रधानमंत्री की नोटबंदी को बीजेपी समेत कई संगठन नोटबंदी को कालेधन के खिलाफ सबसे बड़ी ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ कह रहे थे लेकिन स्विस बैंक के आकड़े आने के बाद नोटबंदी सिर्फ भारतीय अर्थव्यवस्था में दुष्प्रभाव ही साबित हुई है।