मुंबई। देश की सबसे अमीर नगर महापालिका यानि बीएमसी चुनावों के नतीजे आ गए हैं जिसके बाद कोई जश्न के माहौल में सराबोर है तो कोई अपने पार्टी के प्रदर्शन से नाखुश। 21 फरवरी को 227 सीटों पर हुए चुनाव के रुझान आज सुबह 10 बजे से आने शुरु हो गए थे जैसे-जैसे समय बीतता गया ऐसा लगा की निकाय चुनावों में सालों से अपनी पैठ बनाने वाली शिवसेना 114 का जादुई आकड़ा छू लेगी लेकिन शाम होते-होते उसका ये सपना चूर-चूर हो गया और वो महज 84 सीटों पर ही अपना परचम लहरा सकी।
निकाय चुनावों में हमेशा से ही अपनी धाक कायम रखने वाली शिवसेना के लिए बहुमत का आंकड़ा ना छूना किसी निराशा से कम नहीं है जिसकी मुख्य वजह भाजपा और उसमें केवल 3 सीटों का ही फासला होना है, जिसके चलते ऐसी खबरें आ रही है कि शिवसेना के मुखिया उद्धव ठाकरे अपनी पार्टी के प्रदर्शन से खुश नहीं है। वहीं कांग्रेस पार्टी को चुनाव में करारी शिकस्त मिलने के बाद मुंबई कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष संजय निरुपम ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
इस हार की जिम्मेदार है पार्टी की अंदरुनी अनबन:-
निकाय चुनावों की तस्वीर साफ होते ही कांग्रस पार्टी के मुंबई प्रदेश अध्यक्ष संजय निरुपम ने हार की जिम्मेदारी ली। इसके साथ ही उन्होंने पद से तुरंत इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देने के बाद निरुपम ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पार्टी में फूट के कारण हार का मुंह देखना पड़ा। कुछ लोग ऐसे है जो खुद को पार्टी से ऊपर समझते हैं उन्हीं की वजह से कांग्रेस को भारी नुकसान हुआ है, हालांकि पद छोड़ने के कुछ देर बाद ही विधायक जगताप को मुम्बई कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया।
शिवसेना को लगा झटका:-
शिवसेना और भाजपा का 20 साल का गठबंधन टूटने के बाद ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि भाजपा को नुकसान हो सकता है लेकिन चुनावों के परिणामों पर नजर डालें तो भाजपा ने ना केवल उसे कड़ी टक्कर दी बल्कि उसे तगड़ा झटका भी दिया। कुछ देर पहले ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि शिवसेना बहुमत हासिल कर लेगी लेकिन 81 सीटें जीतकर उसने शिवसेना के सपने को सपना ही रहने दिया। इन नतीजों में भाजपा उन जगहों पर अपनी पैठ बनाने में कायम रही है जहां पर हमेशा शिवसेना का दबदबा रहा है जिनमें नागपुर, पुणे, अमरावती और अकोला की सीटें अहम है।
चुनाव के नतीजों में ऐसी रही पार्टियों की स्थिति:-
227 सीटों पर हो रहे निकाय चुनावों के नतीजे आ गये है जिसमें किसी को नुकसान हुआ तो किसी को फायदा। भाजपा को पिछली बार 31 सीटे मिली थी जबकि इस बार उसने 81 सीटों पर कब्जा जमाया है। वहीं शिवसेना को पिछली बार 75 सीटें मिली थी तो इस बार में 84 सीटों पर परचम लहराया है। इसके साथ ही कई पार्टियों को पिछले बार के चुनावों के नतीजों की अपेक्षा नुकसान हुआ जिसमें कांग्रेस को 31, एनसीपी को 7 और एमएनस को 10 सीटों पर कब्जा जमाने में सफलता मिली।
(शिप्रा सक्सेना)