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बीजेपी के दलित सांसद अपनी ही पार्टी से हैं नाराज

11 6 बीजेपी के दलित सांसद अपनी ही पार्टी से हैं नाराज

नई दिल्ली। 2019 का चुनाव आने वाला हैं और ऐसा लग रहा हैं कि बीजेपी के अंदर ही उनकी पार्टी के सांसद ही उनसे खुश नहीं हैं और दलित विरोधी लहर बीजेपी के अंदर देखने को मिल रही हैं बीजेपी के दलित सांसद ही अपनी पार्टी भाजपा से खुश नहीं हैं। बता दे कि बीजेपी के ही मंत्री और सांसदों अपनी पार्टी से खुश नहीं दिख रहे हैं और योगी सरकार के खिलाफ मंत्री और अब सांसदों ने मोर्चा खोल रखा है।

11 6 बीजेपी के दलित सांसद अपनी ही पार्टी से हैं नाराज

बता दे कि सबसे पहले यें विगुल योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने राज्य सरकार के कामकाज पर सवाल उठाए थे और मीडिया में जमकर बवालबाजी हुई की थी लेकिन अमित शाह से मिलने के बाद उनका यें बवाल शांत हो गया था लेकिन यें मामला अभी शांत ही नहीं हुआ था कि एक और मामला गरमा गया जिसमें दलित सांसदों की ओर से पीएम मोदी को चिट्ठी लिखकर नाराजगी जताई गई थी इस तरह के मामलों से लग रहा हैं बीजेपी पर उनके ही पार्टी के लोग सवाल उठा रहा हैं।

बता दे कि 2 अप्रैल को दलितों द्रारा भारत बंद किया गया था जिसमें अलग अलग राज्यों में दलितों ने दलित फैसले को लेकर भारत बंद कर विरोध किया था। जिसका असर अब बीजेपी पार्टी के अंदर भी दिखने लगा हैं। जिसमें बहराइच की सांसद सावित्री बाई फुले ने तो मंच पर ही सबको चुनौती दे डाली। 2019 के पहले बीजेपी के इन सांसदों के बयान पार्टी के लिए बड़ी मुश्किल बनते जा रहे हैं।

सांसदों के बयान पढ़ सकते हैं 2019 पर भारी

बता दे कि बीजेपी के ही मंत्री और सांसदों अपनी पार्टी से खुश नहीं दिख रहे हैं और एक के बाद एक बयान टीवी चैनलों की शुर्खियां बन रहा हैं। जिसका असर साफ तौर पर 2019 में देखा जा सकता हैं और बीजेपी को उऩके ही सासंदो के इन बयानों के चलते दलित विरोधी दिखा सकता हैं जो 2019 के चुनावों में एक गहरा असर डाल सकते हैं। आइये सुनाते हैं आपको बीजेपी के इन सांसदों के बयान जो हैं अपनी ही पार्टी के खिला।

यूपी के नगीना से सांसद डॉ यशवंत सिंह

यूपी के नगीना से सांसद डॉ यशवंत सिंह ने पीएम को पत्र लिख कर कहा कि पिछले चार साल में केंद्र सरकार ने दलितों के लिए कुछ भी नहीं किया है. प्रमोशन में आरक्षण, बैक लॉग पूरा करना और निजी क्षेत्र में आरक्षण पर कुछ नहीं किया है। डॉ. सिंह ने कहा कि सरकार विशेष भर्ती अभियान के जरिए बैकलॉग पूरा कराए, प्रमोशन में आरक्षण दिलाए और निजी क्षेत्र में आरक्षण हो। पत्र में एससी एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले को पैरवी कर पलटवाने की अपील भी की गई है।

इटावा से दलित सांसद सांसद अशोक दोहरे

इटावा से दलित सांसद सांसद अशोक दोहरे पीएम मोदी को चिट्ठी लिख कर कहा कि 2 अप्रैल को ‘भारत बंद’ के बाद एससी/एसटी वर्ग के लोगों को उत्तर प्रदेश सहित दूसरे राज्यों में सरकारें और स्थानीय पुलिस झूठे मुकदमे में फंसा रही है उन पर अत्याचार हो रहा है।

रॉबर्ट्सगंज से दलित सांसद छोटेलाल

रॉबर्ट्सगंज से बीजेपी के दलित सांसद छोटेलाल ने पीएम नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडे और बीजेपी नेता सुनील बंसल की भी शिकायत की थी। चिट्ठी में सांसद छोटेलाल ने लिखा है कि जिले के आला अधिकारी उनका उत्पीड़न कर रहे हैं।

भाजपा सांसद सावित्री बाई फुले

भाजपा सांसद सावित्री बाई फुले ने ‘भारतीय संविधान व आरक्षण बचाओ महारैली का आयोजन’ किया और कहा कि आरक्षण कोई भीख नहीं बल्कि प्रतिनिधित्व का मामला है। अगर आरक्षण को खत्म करने का दुस्साहस किया गया तो भारत की धरती पर खून की नदियां बहेंगी। यह सवाल पूछे जाने पर कि आप भाजपा की सांसद हैं और अब क्या भाजपा छोड़ेंगी। साध्वी ने कहा, “मैं भारत की सांसद हूं और जब तक मेरा कार्यकाल है तब तक मैं सांसद रहूंगी।

दिल्ली से सांसद उदित राज

उत्तर प्रदेश के रहने वाले दिल्ली से सांसद उदित राज ने एक ट्वीट में कहा , ‘दो अप्रैल को हुए आंदोलन में हिस्सा लेने वाले दलितों पर अत्याचार की खबरें मिल रही है और यह रुकना चाहिए. बाड़मेर, जालौर, जयपुर, ग्वालियर, मेरठ, बुलंदशहर, करौली और अन्य स्थानों के लोगों के साथ ऐसा हो रहा है। न केवल आरक्षण विरोधी बल्कि पुलिस भी उन लोगों को पीट रही है. फर्जी मामले लगा रही है। बता दे कि यें सभी सासंद बीजेपी के है औऱ दलित समुदाएं से ताल्लुक रखते हैं जो अपनी ही पार्टी बीजेपी से नाखुश हैं।

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