नई दिल्ली: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने अनुमान व्यक्त किया है कि भाजपा और शिवसेना आगामी लोकसभा चुनाव साथ मिलकर चुनाव लड़ सकती है, लेकिन हो सकता है वे महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए साथ न आएं।
इस दौरान शरद पवार ने शुक्रवार रात यहां संवाददाताओं के साथ बातचीत में दोनों चुनाव एक साथ कराए जाने की संभावनाओं को खारिज कर दिया और कहा कि स्थिति बदल गई है।
भाजपा और शिवसेना मिला सकते हैं हाथ
केंद्र पिछले कुछ समय से लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने की संभावना टटोल रहा है। इस साल की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराए जाने पर ‘व्यापक’ बहस करने का आह्वान करते हुए कहा था कि इससे धन की बचत होगी।
पवार ने कहा, “भाजपा और शिवसेना लोकसभा चुनाव के लिए हाथ मिला सकते हैं, लेकिन हो सकता है कि वे राज्य विधानसभा चुनाव के लिए एक साथ ना आएं।” केंद्र और राज्य में सत्ता में साझीदार होने के बावजूद भाजपा और शिवसेना के बीच तनावपूर्ण संबंध हैं।
आपको बता दें कि बीते दिनों पहले ही शरद पवार की पार्टी ने मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव लडने का ऐलान किया है। साथ ही वहां मौजूद नेताओं ने बताया कि हमारी पार्टी विधानसभा चुनाव में केवल 200 सीटों पर ही चुनाव लडेगी। राजनीतिक जानकार यह भी बतातें हैं कि एनसीपी के इस कदम से कांग्रेस को नुकसान हो सकता है।