शिमला। विधानसभा चुनाव का बिगुल बजने के बाद कांग्रेस और भाजपा दोनों को ही उम्मीदवार घोषित करने में खूब पसीने छूट रहे हैं। भले ही सोमवार से नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया आरंभ हो रही है। लेकिन ये दोनों ही प्रमुख दल अभी तक एक भी उम्मीदवार का नाम फाइनल नहीं कर पाए हैं। भाजपा व कांग्रेस ने उम्मीदवारों को लेकर अभी तक पत्ते नहीं खोले हैं। दोनों दलों में कई दावेदार सामने आने पर टिकट आबंटन में घमासान मचने के आसार हैं।
भाजपा द्वारा प्रत्याशियों के नामों पर विचार के लिए आज एक बैठक चंडीगढ़ में बुलाई गई है। बताया जाता है कि अगले एक-दो दिन में पार्टी के ससंदीय बोर्ड की बैठक दिल्ली में होगी, जिसमें उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप दिया जाएगा। भाजपा का प्रयास है कि 16 अक्तूबर को नामांकन प्रक्रिया शुरू होने से पहले पूरी सूची का एलान कर दिया जाए। इससे पहले भाजपा प्रदेश चुनाव समिति की बिलासपुर में हुई एक बैठक में आधी सीटों पर प्रत्याशियों के नामों पर सहमति बनी थी।
दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी के सूत्रों का कहना है कि अधिकतर सीटों पर नाम चयनित कर लिए गए हैं और मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ठाकुर सुखविंद्र सिंह जल्द ही दिल्ली जा सकते हैं, जहां वे हाईकमान से चर्चा के बाद उम्मीदवारों का फैसला करेंगे। प्रदेश कांग्रेस समिति को राज्य के सभी 68 विधानसभा क्षेत्रों से लगभग 500 लोगों के आवेदन मिले हैं। कई सीटों पर तो एक दर्जन टिकटार्थियों ने आवेदन किया है।
आठ बार विधायक रही वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री व कैबिनेट मंत्री विद्या स्टोक्स ने इस बार चुनाव न लड़ने का फैसला किया है। स्टोक्स ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे एक पत्र में अपने ठियोग निर्वाचन क्षेत्र से मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को टिकट देने की वकालत की है। वीरभद्र सिंह अपनी शिमला ग्रामीण सीट पुत्र विक्रमादित्य सिंह के लिए छोड़ने की घोषणा कर चुके हैं।