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जन्मदिन विशेषः क्रिकेट के दादा की दादागिरी के बारे में विस्तार से जानें

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भारत की क्रिकेट टीम के ऐसे कप्तान जिन्होंने क्रिकेट जगत में अपनी दादागिरी का परचम लहराया।जिन्होंने आज ऐसे महान व्यक्तित्व सौरव गांगुली का आज जन्मदिन है। गांगुली ऐसे कप्तान हैं जिन्होंने टीम इंडिया को विदेशों में भी सर उठाकर खेलना सिखाया।

 

saurav ganguli

 

गांगुली को दादा के नाम से जाना जाता है

आपको बता दें कि गांगुली को दादा के नाम से जाना जाता है। मालूम हो की टीम इंडिया के इस दादा ने वर्ल्ड क्रिकेट में अपनी दादागीरी कई मौकों पर दिखाई। आज सौरव गांगुली का 46वां जन्मदिन है।भारतीय क्रिकेट को नई बुलंदियों पर ले जाने वाले बंगाल टाइगर का क्रिकेट क्रिकेट करियर बेहद शानदार रहा।

1996 में लॉर्ड्स टेस्ट से अपना इंटरनेशनल करियर शुरू किया

1996 में लॉर्ड्स टेस्ट से अपना इंटरनेशनल करियर शुरू किया।गांगुली उस समय के दुनिया के तीसरे ऐसे बल्लेबाज थे जिसने डेब्यू टेस्ट की दोनों पारियों में शतक लगाया था।

सौरव गांगुली 20 से ज्यादा टेस्ट मैचों में जीत दिलाने वाले पहले कप्तान हैं

बता दें कि दादा ने अपनी कप्तानी में टीम इंडिया को 20 से ज्यादा टेस्ट मैचों में जीत दिलाने वाले पहले कप्तान हैं।कप्तानी में भारत ने 21 टेस्ट मैचों की जीत दर्ज की है।  गौरतलब है कि इससे पहले मोहम्मद अजहरुद्दीन की कप्तानी में भारत ने 14 टेस्ट मैच में जीत हासिल की थी।

हलाकि यह रिकॉर्ड टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने तोड़ा। मांलूम हो कि धोनी की कप्तानी में टीम ने 27 टेस्ट मैचों में जीत दर्ज की। इसके बाद कप्तान विराट कोहली ने दादा के 21 टेस्ट जीत के रिकॉर्ड समकक्ष हैं।

गांगुली वनडे क्रिकेट में सबसे तेज 6000 रन पूरा करने के मामले में चौथे नंबर पर हैं। इस लिस्ट में सबसे ऊपर साउथ अफ्रीकी दिग्गज हाशिम अमला हैं। अमला ने 123 पारियों में यह कारनामा किया। गांगुली ने 147 वनडे पारियों में 6000 रन पूरे किए।

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सबसे तेज 10000 रन पूरे करने के मामले में दूसरे नंबर पर हैं

गांगुली वनडे क्रिकेट में सबसे तेज 10000 रन पूरे करने के मामले में दूसरे नंबर पर हैं। गांगुली ने 10000 वनडे रन तक पहुंचने के लिए 263 वनडे पारियां खेली। गांगुली से आगे उनके हमवतन और महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर हैं। सचिन ने 259 पारियों में यह कारनामा किया।

वनडे क्रिकेट में सौरव गांगुली और सचिन तेंदुलकर के नाम सबसे ज्यादा रनों की साझेदारी करने का वर्ल्ड रिकॉर्ड दर्ज है।इन दोनों ने 176 वनडे पारियों में 8227 रनों की साझेदारी की है। इस दौरान दोनों के बीच 26 शतकीय और 29 अर्धशतकीय साझेदारियां हुई।यह वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ पाना फिलहाल बहुत मुश्किल नजर आता है।

बता दें कि सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ के नाम वनडे की तीसरी सबसे बड़ी साझेदारी का रिकॉर्ड दर्ज है। दोनों ने दूसरे विकेट के लिए 318 रनों की साझेदारी की थी। उनसे ऊपर क्रिस गेल-मार्लोन सैमुअल्स ‘372 रन’और सचिन तेंदुलकर-राहुल द्रविड़ ‘331 रन’ ही हैं।

वनडे क्रिकेट में सबसे ज्यादा छक्का जड़ने वालों की लिस्ट में दादा आठवें नंबर पर हैं। शाहिद अफ्रीदी 351, सनथ जयसूर्या 270, क्रिस गेल 267, महेंद्र सिंह धोनी 217, एबी डिविलियर्स 204, ब्रेंडन मैकलम 200, सचिन तेंदुलकर 195 के बाद सौरव गांगुली 190 छक्कों के साथ 8वें स्थान पर हैं।

सबसे ज्यादा मैन ऑफ द मैच रहने के मामले में सौरव गांगुली सचिन तेंदुलकर के बाद दूसरे भारतीय क्रिकेटर हैं

वनडे में सबसे ज्यादा मैन ऑफ द मैच रहने के मामले में सौरव गांगुली सचिन तेंदुलकर के बाद दूसरे भारतीय क्रिकेटर हैं।सचिन तेंदुलकर 62 बार मैन ऑफ द मैच बन चुके हैं। जबकि गांगुली को 31 बार मैन ऑफ द मैच चुना गया है।

तीसरे नंबर पर राहुल द्रविड़ ‘सन 1999’ में 1761 रनों के साथ हैं

एक कैलेंडर ईयर में सबसे ज्यादा रनों के मामले में भी गांगुली दूसरे स्थान पर पर हैं। उनसे ऊपर महज सचिन तेंदुलकर हैं। तेंदुलकर ने सन् 1998 में 1894 रन बनाए।गांगुली ने 1999 कैलेंडर ईयर में 1767 रन बनाए। तीसरे नंबर पर राहुल द्रविड़ ‘सन 1999’ में 1761 रनों के साथ हैं।

गौरतलब है कि सौरव गांगुली ने 1996 में इंग्लैंड के खिलाफ अपने पहले ही टेस्ट में शतक लगाकर अपने टेस्ट करियर की जोरदार शुरूआत की। गांगुली ने 49 टेस्ट और 147 वनडे मैचों में भारत की कप्तानी की।

सौरव गांगुली ने अपने करियर में 113 टेस्ट मैचों में 42.14 की औसत से 7213 रन बनाए

लेफ्टहैंडर बल्लेबाज सौरव गांगुली ने अपने करियर में 113 टेस्ट मैचों में 42.14 की औसत से 7213 रन बनाए। जो 16 शतक और 35 अर्धशतक शामिल हैं। वहीं 311 वनडे मैचों में उन्होंने 41.02 की औसत से 11363 रन बनाए। जिनमें 22 शतक और 72 अर्धशतक भी हैं।

2008 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज के समय गांगुली ने क्रिकेट को से संन्यास ले लिया

गांगुली ने टीम को ऐसे मुकाम पर पहुंचाया।जो देश ही नहीं बल्कि देश के बाहर भी जीतना नहीं जानती थी। गांगुली की कप्तानी में ही टीम इंडिया 1983 के बाद 2003 में वर्ल्डकप के फाइनल तक पहुंची। गांगुली ने 2008 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज के समय गांगुली ने क्रिकेट को से संन्यास ले लिया। वर्तमान में वह क्रिकेट ऐसोसिएशन ऑफ बंगाल के अध्यक्ष हैं।

गांगुली की कप्तानी में भारतीय क्रिकेट टीम चैंपियंस ट्रॉफी 2001 श्रीलंका, और 2003 वर्ल्ड कप दक्षिण अफ्रीका के फाइनल में पहुंची। इसके अलावा भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ 2002 में नेट वेस्ट सीरीज जीती। जिसके बाद उन्होंने लॉर्ड्स की बालकनी में कमीज उतारकर लहराई थी।

M 1 जन्मदिन विशेषः क्रिकेट के दादा की दादागिरी के बारे में विस्तार से जानें

        महेश कुमार यदुवंशी

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