पटना। चारा घोटाला मामले में साढ़े तीन साल की सजा काट रहे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव को जेल में क्या काम दिया जाए इस पर चर्चा की जा रही है, लेकिन इसी बीच उनके दो सेवक नेता उनकी सेवा करने के लिए लालू की खिदमत में जेल पहुंच चुके हैं। दरअसल छह जनवरी को जैसे लालू यादव की सजा का ऐलान हुआ वैसे ही उनके दो सेवक एक पुराने मामले में खुद जो सरेंडर करने के लिए जेल पहुंच गए ,ताकि जेल में लालू की पूरी सेवा की जा सके। लालू यादव के इन दोनों सेवकों के नाम लक्ष्मण कुमार और मदन यादव बताया गया है। जहां लक्ष्मण लालू का रसोईया है तो वहीं मदन उनका खास सेवक माना जाता है।
जेल में लालू की सेवा में जाने के लिए लक्ष्मण और मदन को इसलिए चुना गया है क्योंकि ये दोनों रांची के ही रहने वाले है और लालू के विश्वासपात्रों में से हैं। मीडिया सूत्रों के मुताबिक ऐसा पहली बार नहीं है जब ये दोनों जब जेल में लालू की सेवा के लिए चुना गया है। इससे पहले भी जब लालू को चाईबासा कोषागार से करोड़ो को निकासी के मामले में रांची जेल गए थे तब भी मदन और लक्ष्मण को उनकी सेवा के लिए लगाया गया था। बता दें कि 23 दिसंबर 2017 को जब सीबीआई कोर्ट में सुनवाई के दौरान लालू को जेल भेजने का अंदेशा हुआ तो उनके चाहने वालों ने आनन-फानन में मदन और लक्ष्मण को जेल पहुंचा कर उनकी सेवा करने का रास्ता तैयार कर दिया।
मदन और लक्ष्मण को जेल पहुंचाने के लिए मारपीट का मामला बनाया गया, जिसके लिए मदन ने अपने पड़ोसी सुमित को तैयार किया और उसके साथ मारपीट की। सुमित ने मदन और लक्ष्मण के खिलाफ डोरंडा थाने में मारपीट और 10 हजार रुपये लूटने की शिकायत की लेकिन थाना प्रभारी को जेल भेजने के लिए मामला हल्का लगा और उन्होंने इंकार कर दिया। इसके बाद रांची के लोअर बाजार थाने में सुमित यादव ने लिखित शिकायत दी कि मदन और सुमित ने उसके साथ मारपीट की और उससे 10 हजार रुपये भी छीन लिए और दोनों के खिलाफ लोअर बाजार थाने में धारा 341, 323, 504, 379, 34 के तहत केस दर्ज किया गया है।