अगरतला। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है,जिसके कारण वो एक बार फिर चर्चा में आ गए हैं। महाभारत काल में इंटरनेट की मौजूदगी बताने से लेकर विश्व सुंदरी के लिए 21 साल पहले भारतीय सुंदरी डायना पर सवालिया निशान लगा चुके बिप्लब ने इस बार भारत देश का राष्ट्रगान लिखने वाले रवींद्रनाथ टैगौर को लेकर ही विवादित बयान देते हुए नोबेल पुरस्कार को लेकर गलत बयानबाजी कर दी। उन्होंने टैगोर की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि टैगाोर ने अंग्रेजों का विरोध करने के लिए नोबेल पुरस्कार को लौटा दिया था।
बिप्लब के इस बयान को लेकर उनकी सोशल मीडिया पर काफी खिंचाई हो रही है और लोग जमकर उनका मजाक उड़ा रहे हैं। आपको बता दें कि नोबेल पुरस्कार से सम्मानित कवि,उपान्यासकार, नाटककार, चित्रकार और दार्शनिक रवींद्रनाथ टैगोर ने जलियावाला बाग हत्याकांड के विरोध में ब्रिटिश राज की तरफ से मिले नाइटहुड की उपाधि को तो लौटा दिया था, लेकिन उन्होंने स्वीडिश अकादमी की तरफ से दिए गए नोबेल पुरस्कार को कभी भी नहीं लौटाया था और वो आज भी उनके पुस्तैनी घर में मौजूद है।
गौरतलब है कि इससे पहले त्रिपुरा के सीएम बिप्लब देव ने महाभारत को लेकर भी बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि इंटरनेट का उदय महाभारत काल मे ही हो गया था। उन्होंने उदहारण देते हुए बताया था कि महाभारत के आखों देखे युद्ध का व्यख्यान संजय ने ठीक वैसे ही धृतराष्ट्र के सामने किया था जैसा कि उस दौरान कुरुक्षेत्र की रणभूमि में चल रहा था। सीएम ने कहा था कि संजय ने धृतराष्ट्र को हर मुख से निकले एक-एक शब्द और पल-पल ही जानकारी दी थी। महाभारत की ये घटना दर्शाती है कि भारत में इंटरनेट सदियो पहले आ गया था।