लखनऊ। कानपुर के बिकरू कांड (Bikaru Kand) को भला कौन भूल सकता है। 2 जुलाई 2020 की आधी रात को गैंगेस्टर विकास दुबे (Viaks Dubey) ने एसओ समेत आठ पुलिस वालों को गोलियों से भून दिया था। हालांकि पुलिस ने इसका बदला लेते हुए नाटकीय अंदाज में विकास दुबे का एनकाउंटर (Encounter) कर दिया था। इतना ही नहीं एक के बाद एक एनकाउंटर कर बिकरू कांड के पांच और आरोपियों को भी एनकाउंटर में ढेर कर दिया था। बिकरू कांड यूपी (UP) की कभी ना भूलने वाली वारदातों में से एक है। हालांकि विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद यूपी पुलिस की कार्रवाई पर मानवाधिकार संगठनों के साथ सामाजिक संगठनों ने सवाल भी खड़े किए थे। इसके इतर यूपी पुलिस ने एक-एक कर विकास दुबे के साम्राज्य को ढहा दिया। विकास दुबे के परिवार में पत्नी ऋचा दुबे के साथ दो बेटे और बूढ़े मां-बाप हैं। विकास दुबे के बाद इन लोगों की स्थिति दयनीय हो गई है। बिकरू कांड के एक साल बाद विकास दुबे की पत्नी ऋचा ने एक मीडिया हाउस को इंटरव्यू दिया है। जिसमें अपनी व्यथा को व्यक्त किया है।
अभी तक नहीं बना विकास दुबे का मृत्यु प्रमाण पत्र
अपने इंटरव्यू में ऋचा दुबे (Richa Dubey) ने बताया कि अभी तक विकास दुबे का मृत्यु प्रमाण पत्र तक नहीं बना है। विकास के जाने के बाद परिवार की स्थिति दयनीय हो गई है। ऋचा ने बताया कि इस एक साल में हमारी जिंदगी जिंदा लाश बन चुकी है। हमारी जमीनों को छिना जा रहा है। मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए हमने सभी विभागों के चक्कर लगाए लेकिन अभी तक प्रमाण पत्र नहीं दिया गया।
जेवर बेचकर चला रही परिवार
ऋचा ने अपनी व्यथा को व्यक्त करते हुए कहा कि आर्थिक रूप से पूरा परिवार टूट चुका है। परिवार चलाने के लिए मैं अपने जेवर बेच रही हूं। ऋचा ने कहा कि मेरा बड़ा बेटा मेडिकल की पढ़ाई कर रहा है। लेकिन, अब स्थिति नहीं है कि उसकी पढ़ाई को जारी रख सकें। उसका पूरा कैरियर बर्बाद हो चुका है। ऋचा ने कहा कि अगर मृत्यु प्रमाण पत्र बन जाए तो शायद बीमा का पूरा पैसा मिल जाएगा। जिससे मैं अपने बेटे की पढ़ाई जारी करवा सकूं। बच्चों की पढ़ाई के लिए इतना स्ट्रगल करना पड़ रहा है कि क्या कहूं।
अकूत संपत्ति होने की खबरें फेक
ऋचा ने एक सवाल के जवाब में कहा कि पांच सौ करोड़ की संपत्ति होने का दावा किया गया लेकिन आप देखिए मेरा घर, क्या मैं पांच सौ करोड़ की मालकिन लग रही हूं। यह पूरी तरह फेक न्यूज थी। मैं अब पूरी तरह से हार चुकी हूं। एक डेथ सर्टिफिकेट तक नहीं मिल रहा। यह तो दाह संस्कार के ही समय दिया जाता है। अस्थियां लेने गई तो डेथ सर्टिफिकेट में विकास के पिता का नाम गलत था। उसको सही नहीं किया जा रहा है।
90 साल के मां-बाप हैं, वो मौत मांग रहे हैं
ऋचा ने बताया कि उनके सास ससुर यानी विकास के मां-बाप अब 90 साल के हो चुके हैं। वे एक छोटी जगह पर रह रहे हैं। उनको उनका घर नहीं दिया जा रहा है। वे अपने बुढ़ापे में क्या करें। वो तो भगवान से मना रहे हैं कि उनकी भी जल्दी मौत हो जाए।
इच्छामृत्यु की मांग की
ऋचा ने कहा कि विकास के अपराधों की सजा उसे मिल चुकी है। इसमें हमारा क्या दोष। अगर हमारा भी दोष है तो हमें भी गोली मार दी जाए। आखिर तिल-तिलकर जिंदगी जीने से बेहतर तो मौत है। मैं सरकार से मांग करती हूं कि हमें इच्छामृत्यु दी जाए। योगी जी पूरे प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं, मैं जानना चाहती हूं कि मेरा मुख्यमंत्री कौन है। आखिर मेरी समस्याओं का समाधान कहां होगा।
पुलिस वालों के प्रति संवेदना
विकास दुबे और उसके साथियों के हमले में मारे गए पुलिस वालों के संबंध में ऋचा ने कहा कि मुझे उनके परिवार के प्रति पूरी संवेदना है। विकास दुबे ने जो किया वो गलत था। लेकिन हमने क्या किया है। किस बात की सजा मिल रही है हमें। ऋचा ने कहा कि मारे गए पुलिस के परिवारीजनों को मैंने कभी कुछ नहीं कहा। उनके प्रति मेरी संवेदना है।