लखनऊ। कासगंज में शराब माफिया ने कानपुर के बिकरु जैसा कांड दोहराने की कोशिश की। माफिया ने दबिश देने पहुंची पुलिस टीम पर हमला बोल दिया। दरोगा और सिपाही को जमकर पीटा। सिपाही ने अस्पताल में दम तोड़ दिया जबकि दरोगा ही हालत गंभीर बनी हुई है।
मंगलवार की शाम करीब सात बजे सिढपुरा थाने पुलिस को अवैध शराब की खेप की सूचना मिली। दरोगा अशोक पाल और सिपाही देवेन्द्र सिंह दबिश देने पहुंचे तो शराब माफिया ने दोनों पर हमला कर दिया। दोनों को दौड़ा दौड़ाकर मारा गया। उनकी वर्दी फाड़ दी गई। उनके असलहे भी छीन लिए।
ग्रामीणों ने सूचना दी तो मौके पर पहुंची पुलिस
दरोगा को लहूलुहान हालत में देखकर वहां से गुजर रहे एक ग्रामीण ने पुलिस को सूचना दी। इसके बाद पहुंची फोर्स ने उन्हें गाड़ी से उपचार के लिए जिला अस्पताल भिजवाया। इसके बाद सिपाही की तलाश शुरू की गई। एसपी मनोज कुमार सोनकर ने कई थानों की पुलिस को जंगल में सिपाही की तलाश में लगाया। करीब एक घंटे की तलाश के दौरान काफी दूर जंगल में गंभीर हालत में सिपाही देवेंद्र सिंह पड़ा मिला। हमलावरों ने उसकी भी हालत दरोगा अशोक पाल जैसे ही कर दी थी। सिपाही देवेंद्र सिंह को भी उपचार के लिए जिला अस्पताल भेजा गया। जहां से बेहतर उपचार के लिए अलीगढ़ रेफर किया गया। रास्ते में उसकी मौत हो गई।
आला अफसरों ने मौके पर डाला डेरा
घटना के बाद मुख्यालय से डीएम चन्द्रप्रकाश सिंह समेत आला अफसर रवाना हो गए। वारदात ने कानपुर के बिकरू कांड का यादें ताजा कर दी हैं। बिकरू में माफिया विकास दुबे के यहां दबिश देने गई पुलिस पर हमला कर दिया गया था। इसमें एक सीओ समेत कई पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे।
शराब माफिया की तलाश जारी, ताबड़तोड़ छापे
शराब माफिया की इस करतूत ने सिस्टम को फिर हिलाकर रख दिया है। सिपाही की मौत के बाद पुलिस व प्रशासन की टीमें हरकत में आ गई है। शराब माफिया की तलाश में ताबड़तोड़ छापेमारी की जा रही है। देर रात तक छापेमारी अभियान जारी रहा।
थाने की फोर्स को साथ लेते तो शायद नहीं होती घटना
दरोगा और शहीद सिपाही अगर थाने की फोर्स को साथ ले लेते तो शायद यह घटना नहीं घटती। मौके पर क्या हुआ। अभी यह पता नहीं चल पाया है। मामले से पर्दा उठाने के लिए पुलिस टीम इस घटना के लिए जिम्मेदार शराब माफिया को तलाश रही हैं।