मेरठ। प्रदेश में तहलका मचाने वाला दिनेश कुमार पांडे को पुलिस ने दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर गिरफ्तार कर लिया। दिनेश कुमार पर 3500 करोड़ के बाइक बोट घोटाले का मामला है। पांडे इस कंपनी के डायरेक्टर हैं। बाइक बोट स्कीम चलाने वाली कंपनी गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड के खिलाफ दिल्ली में भी एफआईआर दर्ज हो गई है। एफआईआर के मुताबिक, 42 हजार करोड़ रुपये के इस घोटाले में लाखों लोगों के साथ ठगी की गई थी। दिनेश कुमार पांडे करोड़ों का हेरफेर करके दुबई भाग गया था। जिसके लिए ईओडब्ल्यू शाखा ने रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया था। जिसके बाद उसे दुबई से भारत लाए जाने पर दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर गिरफ्तार कर लिया गया। जिसके बाद अब नोएडा पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है।
अच्छा रिर्टन देने के नाम पर करता था फर्जीवाड़ा-
बता दें कि कंपनी में बाइक लगवाने के नाम पर लोगों की गाड़ी रकम डकारने वाली कंपनी बाइक बोट के मामले में आर्थिक अपराध शाखा कि मेरठ यूनिट ने एक अहम गिरफ्तारी की। बाइक बोट कंपनी में डायरेक्टर रहे दिनेश कुमार पांडे को कल दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया गया। दिनेश कुमार पांडे ने बाइक बोट कंपनी के करोड़ों रुपए अपनी फर्जी कंपनी में ट्रांसफर किए और उन्हें ठिकाने लगा दिया। पुलिस के मुताबिक, कंपनी ने बाइक बोट स्कीम में लोगों से पैसा लगवाकर उनको अच्छा रिटर्न देने का वादा किया था। शुरुआत के एक दो महीने में रिटर्न आए भी थे, लेकिन बाद में कंपनी ने रिटर्न देने से मना कर दिया। जब लोगों ने कंपनी में जाकर पड़ताल की, तो कंपनी की तरफ से उनको धमकाया गया। पीडितों की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई है। ईओडब्ल्यू को कई अन्य शिकायतें भी मिली थी। लोगों को आश्वासन दिया जाता था कि एक बाइक की कीमत करीब 62 हजार रुपये देने होंगे और साल भर करीब दस हजार रुपये का रिटर्न मिलेगा। इस तरह सिर्फ एक साल में पैसा लगभग डबल। लोगों ने इस स्कीम को हाथों हाथ लिया और बड़े शहरों के अलावा करीब 50 शहरों में बाइक बोट की बाइक सड़कों पर दिखने लगीं।
आरोपी के खिलाफ 57 एफआईआर दर्ज-
बाइक बोट का फर्जीवाडत्रा कर आरोपी पुलिस से बचने के लिए दुबई भाग गया था। जिसके बाद पुलिस ने इसकी गिरफ्तारी के लिए रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था। कंपनी का डायरेक्टर आरोपी दिनेश कुमार पांडे को आखिरकार कल दिल्ली एयरपोर्ट पर गिरफ्तार कर लिया गया। बाइक बोट मामले की कलाई खुलने पर अब तक 57 f.i.r. इस मामले में दर्ज की गई है। यह सभी मामलों की जांच आर्थिक अपराध शाखा मेरठ कर रही है । वहीं ईओडब्ल्यू के एसपी राम सुरेश यादव ने बताया कि अब तक इस मामले में करीब 19 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।