बिहार के जहानाबाद जिले के भरथुआ गांव में छेड़खानी का वीडियो सामने आने पर पुलिस ने मामले को संज्ञान में लेते हुए एफ़आईआर दर्ज की। इसमें पीड़िता सामने नही आई और इसकी शिकायत भी किसी ने नही दर्ज कराई थी। लेकिन पुलिस को इस मामले की खबर लगने पर पुलिस ने 14 लोगों को गिरफ़्तार किया।
घटनाओं पर बोली बिहार वीमेंस नेटवर्क की संयोजिका नीलू
नीलू ने गुस्सा जाहिर करते हुए कहा । यह समझ नहीं आता कि समाज किस ओर जा रहा है। ऐसी घटनाएं इस कारण सामने आ रही हैं क्योंकि समाज का ढांचा पितृसत्तात्मक है और महिला और लड़कियों को वस्तु के बतौर देख जाता है।
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पुलिस द्वारा गिरफ्तार आरोपी में आधे नाबालिग हैं। दिल को झकझोर देने वाली इस घटना की चर्चाएं अभी ठंडी भी नहीं हुई थी कि दूसरा वीडियो मई में सामने आया। इस दूसरे मामले में भी पुलिस ने ख़ुद संज्ञान लिए हुए गया शहर के कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज कर जांच की तो पता चला कि यह घटना पटना जिले के नौबतपुर इलाके की है।
मामले में अभियुक्तों को पकड़ने में पुलिस को जब शुरुआती कामयाबी नहीं मिली तो उन्होंने स्केच जारी किया। साथ ही अभियुक्तों की सूचना देने वालों के लिए इनाम की भी घोषणा की।
पुलिस मुख्यालय में अपर पुलिस महानिदेशक संजीव कुमार सिंहल के मुताबिक इस मामले में अब तक दो लोगों को गिरफ़्तार किया गया है और कुछ अन्य की तलाश पुलिस कर रही है।इसके बाद ऐसे और तीन वीडियो सामने आए हैं। संजीव कुमार सिंहल ने बताया।
तीसरा वीडियो गया जिले के वजीरगंज थाने के टेरमा गांव की है। इस मामले में अब तक तीन लोगों को गिरफ़्तार किया गया है और तीन लोगों ने सरेंडर किया है।
बिहार वीमेंस नेटवर्क की संयोजिका नीलू राय
महिलाओं-लड़कियों को घर के अंदर होना चाहिए। वह घर से बाहर क्यूं निकलती हैं? महिलाएं क्यों अपने पैरों पर खड़ी हो रही हैं? ऐसी सोच के कारण हमें समाज में उचित सम्मान और बराबरी का दर्जा नहीं मिलता. जब तक ऐसी सोच रहेगी तब तक ऐसी घटनाएं सामने आती रहेंगी।
पटना स्थित एएन सिन्हा समाज विज्ञान संस्थान के पूर्व निदेशक प्रोफेसर डीएम दिवाकर ऐसे मामलों पीछे कुछ कारण बताते हैं। समाज को भी ऐसी विकृतियों को रोकने के लिए सामने आना चाहिए। घरवालों, शिक्षकों, बड़े-बुज़ुर्गों को जानकारी रखने की ज़रूरत है। कोई असामान्य काम में शामिल हो रहा है तो उसे रोका जा सके।