पटना। बिहार सरकार ने राज्य में स्टार्ट-अप इंडिया को प्रमोट करने के लिए एक नई पहल की है, जिसके तहत सरकार प्रदेशभर में खुले और खुलने वाले ऐसे स्टार्ट अप को बैंक के कर्ज में 10 फीसदी की सहायता देगी। सरकार के इस फैसले से खासतौर पर आईटी, खाद्य प्रसंस्करण, कपड़ा, परिधान और चमड़ा उद्योग चलाने वाले कारोबारियों को फायदा पहुंचाएगा। इसके अलावा सरकार जीएसटी वापसी, ईपीएफ और ईएसआई मद में दी जाने वाली राशि को भी मदद के तौर पर देगी। साथ ही सरकार इस योजना के साथ मिलने वाली नौकरी पर प्रति व्यक्ति 20 हजार रुपये की सहायता भी देगी।
सरकार की इस नई योजना की जानकारी देते हुए राज्य के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बैंको की तरफ से सेवा, व्यपार और विनिर्माण क्षेत्र 2016-17 में 14,861 करोड़ का ऋण दिया गया था, लेकिन 2017-18 में 17 हजार करोड़ का कर्ज सीसी लिमिट दिया जाएगा। अब भारत सरकार की मुद्रा और सीजीएमडीसी स्कीम के तहत भी उद्यमियों को अधिक से अधिक ऋण दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि बिहार में बहुमंजिला औद्योगिक स्थल के जरिए प्रदूषण रहित उद्योग को कार्य स्थल उपलब्ध करा कर जमीन के अभाव का समाधान किए जाएंगे।
मोदी ने कहा कि स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए 2016-17 में पूंजी उद्यम कोष के लिए बिहार स्टार्टअप फंड ट्रस्ट को 50 करोड़ उपलब्ध कराया गया है। स्टार्टअप के लिए ऑनलाइन मिले 3,751 प्रस्ताव में से 22 को प्रथम किस्त के रूप में 55 लाख दिया जा चुका है। इस योजना के अन्तर्गत सरकार उद्यमियों को अधिकतम 10 लाख रुपये 10 वर्षों के लिए ब्याज मुक्त कर्ज के तौर पर देगी।