पटना। बिहार सरकार के अलपसंख्यक मंत्रालय ने अल्पसंख्यक मुस्लिम परित्यक्ता और तलाकशुदा महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान कर आत्मनिर्भर बनाने के लिए संचालित योजना की राशि को बढ़ावा 10 हजार से 25 हजार रुपये कर दिया है। सरकार के इस फैसले के बाद मुस्लिम महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने में और मदद मिलेगी। राज्य सरकार ने ऐसी महिलाओं के लिए वित्त वर्ष 2017-18 से बढ़ाकर संबंधित मार्गदर्शिका की स्वीकृति प्रदान कर तत्काल प्रभाव से लालू कर दिया है। बिहार सरकार के अलपसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा पहले मुस्लिम महिलाओं को 10 हजार सहायता राशि दी जाती थी, जोकि वित्त वर्ष 2006-07 से ऐसे ही जारी थी, लेकिन राशि बढ़ने के बाद तलाकशुदा महिलाओं के लिए सरकार ने नए रास्ते खोल दिए है।
दरअसल परित्यक्तता के रूप में ऐसी मुस्लिम महिला जिनकी शादी पूर्व में हो चुकी है, लेकिन पति द्वारा दो वर्षों या उससे अधिक अवधि से परित्याग कर दिया गया हो व उनके जीवन यापन की कोई व्यवस्था उनके पति द्वारा नहीं किया जा रहा हो। इसके अलावा पूर्ण मानसिक अपंगता के कारण पति अपने परिवार का भरण-पोषण करने में अक्षम हो। ऐसी महिला को योजना अंतर्गत परित्यक्त महिला समझा जायेगा। आवेदन के लिए आवेदक को करीब के रिश्तेदारों से अलग दो गवाह संपूर्ण पते के साथ और अनुशंसा व प्रमाण पत्र निर्गत करने वाले जनप्रतिनिधियों में मुखिया, सरपंच, नगर निगम, नगर परिषद और कई अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य शामिल है।
वैसी अल्पसंख्यक मुस्लिम महिला जिसे पति ने तलाक दिया हो और उनके जीवनयापन की कोई व्यवस्था न हो। ऐसी महिला इस योजना अंतर्गत तलाकशुदा समझी जाएंगी। जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी रजनीश कुमार राय ने बताया कि तलाकशुदा या परित्यक्ता महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने को सरकार 10 हजार रुपए देती थी। अब राशि 25 हजार हो गया है। इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदिका को प्रमाणपत्र के साथ ऑनलाइन आवेदन करना होगा।