बिहार। अगर आपको पेयजल की गुणवता की जांच करानी है तो जिलास्तरीय पेयजल प्रयोगशाला में जाने की आवश्यकता नहीं है। इसमें अधिकांश दिन ताला ही लटका रहता है। जी हां, ये जान कर थोड़ा आश्चर्य जरूर होगा लेकिन जिले के लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण यानी पीएचईडी विभाग द्वारा शहर के काशी बाजार स्थित राजेन्द्र कॉलेज के पूरब पानी टंकी के समीप संचालित जिलास्तरीय पेयजल प्रयोगशाला की सच्चाई है।
प्रयोगशाला परिसर में बड़े-बड़े पौधे उपजे हुए हैं। इसमें आने-जाने के लिए बनाए गए रास्ते भी जंगल से घिसे हुए हैं। प्रयोशाला की तस्वीरें बताती हैं कि पेयजल जांच की प्रक्रिया महज कागजी फाइलों मे ही सिमटकर रह गई है तथा प्रयोगशाला के नियमित संचालन नहीं किए जाने को भी दर्शाता है। ऐसे में पीएचईडी की कार्यशैली पर सवाल उठने लगा है।
हालांकि विभाग के अधिकारी का दावा है कि प्रयोगशाला का नियमित संचालन किया जाता है। इसमें जिले के विभिन्न प्रखंडों से आने वाले पेयजल की गुणवता की जांच की जाती है। पेयजल प्रयोगशाला की पड़ताल करने पर चौंका देने वाले नजारा सामने आया। आस-पास के लोगों से पूछे जाने पर बताया कि प्रयोगशाला कब खुलता है तथा पदाधिकारी व कर्मी कब आते हैं, किसी को पता ही नहीं चलता है। प्रयोगशाला हमेशा ही बंद दिखाई पड़ता है। वही दूसरी तरफ अधिकारियों से बात करने पर उनका कहना है कि प्रयोगशाला हमेशा खुली रहती है।