बिहारः आगामी लोकसभा चुनाव की रणनीति को तैयार करने में जहां एक तरफ यूपीए के घटक दल जातीय समीकरण बनाकर एनडीए को मात देने की बात कर रहे हैं।इसी के तहत कांग्रेस भी कोई कोर कसर नही छोड़ रही है। आपको बता दें कि यूपीए महागठबंधन के सूत्रपात का सबसे बड़ा केंद्र बिहार बनने जा रहा है।कांग्रेस ने बिहार में मदन मोहन झा को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाकर ब्राह्मण कार्ड खेला है।पार्टी संगठन में फेरबदल करते हुए कांग्रेस ने मदन मोहन झा को प्रदेश की कमान सौंपी है। इसके अलावा चार कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाए हैं।
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आपको बता दें कि बिहार में करीब 8 फीसदी ब्राह्मण मतदाता हैं।जो कि कांग्रेस का परंपरागत वोट माना जाता था। लेकिन बीजेपी लहर के बाद ये वोट कांग्रेस से रुखसत होने लगा।कांग्रेस ने ब्राह्मण वोट मदन मोहन झा के जरिए कांग्रेस ने बिहार के ब्राह्मण मतदाताओं को साधने की रणनीति बनाई है। गौरतलब है कि आरजेडी जहां यादव, मुस्लिम, दलित और ओबीसी मतों को साधने में जुटी है।वहीं कांग्रेस ने ब्राह्मण कार्ड के जरिए महागठबंधन के मतों को और मजबूत करने के मकसद को समझा जा सकता है।
मदन मोहन झा का जन्म एक अगस्त 1956 को हुआ। उनके पिता का नाम डॉ. नागेंद्र झा है।बिहार के दरभंगा जिले की बधॉत मनीगाछी के रहने वाले हैं। उनके पिता नागेंद्र झा बिहार सरकार में मंत्री रहे थे।सियासत के आंगन में पले मदन मोहन झा ने छात्र जीवन से राजनीति में कदम रख दिया था। उन्होंने कांग्रेस के छात्र संगठन (एनसएयूआई) के जरिए अपनी सियासी पारी को आगे बढ़ाया। 1985 से 1995 तक विधायक रहे। मौजूदा समय में एमएलसी हैं जिसके लिए वे 2014 में चुने गए हैं।
मदन मोहन झा कांग्रेस के भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनसएयूआई) के राष्ट्रीय महासचिव रहे। इसके बाद वे बिहार प्रदेश युवक कांग्रेस के महासचिव बने।झा बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव भी बने और बाद में उपाध्यक्ष और कोषाध्यक्ष रहे।