पटना। बिहार की अररिया लोकसभा और भभुआ व जहानाबाद विधानसभा उपचुनाव का ऐलान हो चुका है। चुनाव आयोग ने उपचुनाव का ऐलान करते हुए कहा कि इन सीटों पर 11 मार्च को मतदान होगा और 14 मार्च को नतीजे घोषित किए जाएंगे। इसके अलावा 13 फरवरी से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी जोकि 20 फरवरी तक जारी रहेगी। इसके अलावा 23 फरवरी की तारीख को नाम वापस लेने के लिए रखा गया है। बता दें कि आरजेडी सांसद तस्लीमुद्दीन के निधन के बाद अररिया लोकसभा सीट खाली हो गई थी तो वहीं जहानाबाद विधानसभा आरजेडी विधायक मुंद्रिका सिंह यादव और भभुआ विधानसभा सीट बीजेपी विधायक आनंद भूषण पांडये के निधन के बाद खाली हो गई थी।
बिहार में लोकसभा की एक और विधानसभा की दो सीटों को लिए होने वाले उपचुनाव के लिए राजनीतिक पार्टियों ने अपनी कमर कस ली है। ये तीनों सीटे आरजेडी और बिहार की सत्ता पर काबिज बीजेपी, जेडीयू, लोजपा के लिए प्रतिष्ठा का विषय बनी हुई है। जहां विपक्ष इन तीनों सीटों को हथियाने के फिराक में है तो वहीं सरकार भी अपना पूरा जोर लगाए हुए है। विपक्ष की तरफ से आरजेडी और कांग्रेस ने अपने सिसायी समीकरण साधने के लिए कवायत शुरू कर दी है और आने वाले समय में बिहार के इस उपचुनाव में जबरदस्त मुकाबला देखने को मिलेगा। राजस्थान उपचुनाव की तरह ही विपक्षी दल इस चुनाव को मिशन-2019 का सेमीफाइनल भी मान रहे हैं।
2015 में महागठबंधन बनने के बाद जेडीयू ने आरजेडी को जहानाबाद सीट सौंप दी थी, जहां से मुंद्रिका यादव की जीत हुई थी। भभुआ विधानसभा सीट पिछली तीन बार की भारी मशक्कत के बाद 2015 में बीजेपी के कब्जे में आई थी। बीएसपी से बीजेपी में आए आनंद भूषण पांडेय ने त्रिकोणीय मुकाबले में इस सीट पर जीत हासिल की थी। भ्रष्टाचार के आरोप में घिरी आरजेडी के लिए महत्वपूर्ण ये है कि सात बार विधायक और छह बार एमपी रह चुके तस्लीमुद्दीन के गैप को कैसे भरा जाए। खासकर उस स्थिति में जब 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में जिले की छह सीटों में से चार पर बीजेपी गठबंधन का कब्जा हो चुका है।