बिहार

बिहार दंगों के आरोपी कहे जाने वाले अर्जित ने किया सरेंडर,

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नई दिल्ली। 17 मार्च को बिहार के भागलपुर में हुए दंगों का मामला लगातार गरमाता ही जा रहा हैं और बिहार के भागलपुर से शुरू हुई हिंसा की आगजनी अब नवादा तक पहुंच गई हैं। और इस पूरें मामलें पर सियासत पूरी तरह भड़की हुई हैं और बिहार के भागलपुर के आरोपी कहे जाने वालें अर्जित शाश्वत ने शनिवार देर रात करीब 12 बजे पटना के महावीर मंदिर के सामने सरेंडर कर दिया। बता दे कि अर्जित शाश्वत की ओऱ से 24 मार्च को अपने समर्थकों की मौजूदगी में गिरफ़्तारी सरेंडर के दौरान अर्जित ने मीडिया के सामने नारेबाजी की और इससे पहले सरेंडर न करने की वजह भी बताई।

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इसी दौरान एएसपी राकेश दुबे मौके पर पहुंचे और उन्हें भीड़ के बीच से अरेस्ट कर लिया। बता दें कि शनिवार शाम करीब साढ़े पांच बजे भागलपुर के कोर्ट ने उसकी अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी थी। उसके खिलाफ नाथनगर थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। अर्जित ने भागलपुर हिंसा के लिए वहां के विधायक को दोषी ठहराया। अर्जित केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे का बेटा है।अर्जित ने लोकल विधायक शर्मा को बताया दंगे के लिए जिम्मेदार अर्जित ने कहा कि वे अभी तक कोर्ट की शरण में थे। अब कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है। इसलिए वह सरेंडर कर रहे हैं।

– अर्जित ने बवाल के लिए भागलपुर के विधायक को जिम्मेदार बताते हुए कहा, “मैं एक ही बात जानता हूं कि भागलपुर में 10 दिनों से जो गतिविधि हो रही है, उसके लिए विधायक शर्माजी जिम्मेदार हैं। विधायक के फोन का रिकॉर्ड निकाल लीजिए तो पता चल जाएगा कि कौन दंगाई है। शोभायात्रा निकालने के बाद नाथनगर थाना का रवैया आपत्तिजनक रहा। हमारे जैसे राष्ट्रभक्तों की भावना ‘भारत माता की जय, वंदे मातरम और जय श्रीराम’ कहने की थी।” गिरफ्तारी के बाद अर्जित को गांधी मैदान थाना ले जाया गया।

– वहीं, भागलपुर के एसएसपी मनोज कुमार ने कहा, “जमानत याचिका खारिज होने और कोर्ट में कुर्की का आवेदन देने से अर्जित पर दबाव बढ़ा, जिसके चलते पुलिस को कामयाबी मिली। भागलपुर और पटना पुलिस की संयुक्त टीम की कोशिश से यह मुमकिन हो सका।”

– पुलिस अर्जित को भागलपुर के सीजेएम कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेजेगी। फिर वे बेल के लिए सीजेएम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर सकेंगे। यहां से राहत नही मिलने पर वे जिला अदालत में अर्ज़ी डालेंगे। अगर यहां भी राहत नहीं मिलती है तो वे हाईकोर्ट का रुख ले सकते हैं। इन प्रक्रियाओं को वो एक हफ्ते में पूरी कर सकते हैं, ताकि केस जल्दी हाईकोर्ट में पहुंचे और जल्द जमानत मिल जाए।

क्या है  मामला 

– 17 मार्च को हिंदू नववर्ष की शोभा यात्रा के दौरान भागलपुर के चंपानगर में दो पक्षों के बीच रोड़ेबाजी, आगजनी, फायरिंग की घटना हुई थी। इस घटना में पुलिस जवान समेत कई लोग घायल हो गए थे।

– मामले में एएसआई हरिकिशोर सिंह ने अर्जित समेत 8 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। अरेस्ट वारंट के लिए कोर्ट पहुंची पुलिस को अदालत ने अधूरा बताते हुए लौटा दिया था। उस समय पुलिस ने सिर्फ अर्जित पर ही वारंट की अर्जी लगाई थी। जिस पर कोर्ट ने एतराज जताते हुए कहा कि मामले में अन्य आरोपियों के खिलाफ अर्जी क्यों नहीं डाली गई?

– 24 मार्च को एसीजेएम कोर्ट ने अर्जित समेत सभी नौ आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया। अरेस्ट वारंट जारी होने के बाद अर्जित शाश्वत और 8 अन्य आरोपियों ने सेशन कोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल की। इस पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने अर्जी खारिज कर दी।

अर्जित चाैबे

– केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे (स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री) के बेटे अर्जित रातोंरात हिंदुत्व का चेहरा बनकर उभर रहे हैं। जमानत याचिका खारिज होने के बाद सरेंडर के लिए हनुमान मंदिर के पास की जगह को चुनना भी उनके हिंदुत्व कार्ड की गणित बताता है। सरेंडर के वक्त भी उस जगह पर ‘जय श्रीराम, जय भवानी’ नारे लगाए गए।

कब-कब क्या -क्या हुआ

17 मार्च 2018: भारतीय नववर्ष समिति के बैनर तले नववर्ष जागरण शोभायात्रा का नेतृत्व करने के आरोप में नाथनगर थाने के एएसआई हरिकिशोर सिंह ने आठ अन्य के साथ आरोपियों बनाते हुए केस दर्ज किया। अर्जित के खिलाफ अरेस्ट वारंट के लिए कोर्ट पहुंची नाथनगर थानेदार को वारंट प्रपत्र अधूरा बताते हुए अदालत ने लौटा दिया था। उस समय पुलिस ने सिर्फ अर्जित पर ही वारंट की अर्जी लगाई थी। जिस पर कोर्ट ने एतराज जताते हुए कहा कि मामले में अन्य आरोपियों के खिलाफ अर्जी क्यों नहीं डाली अदालत के आदेश के बाद नाथनगर थानेदार ने सभी आरोपियों के खिलाफ वारंट की अर्जी लगाई लेकिन केस डायरी साथ में नहीं लगाया। जिस पर कोर्ट ने अर्जी वापस कर दी।  जुलूस में आपत्तिजनक गाना बजाने वाले डीजे संचालक बबलू मंडल व सुखराज हाईस्कूल में बमबाजी मामले में अफवाह फैलाने वाले जानिसार अख्तर उर्फ टिंकू को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। एसीजेएम कोर्ट ने अर्जित समेत सभी नौ आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया। अरेस्ट वारंट जारी होने के बाद अर्जित शाश्वत ने सेशन कोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल किया। अग्रिम जमानत अर्जी पर बहस के बाद कोर्ट ने पुलिस से केस डायरी की मांग की। अर्जित के साथ बवाल मामले के अन्य 8 आरोपियों ने भी अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल की।भागलपुर कोर्ट ने अर्जित शाश्वत की जमानत याचिका को खारिज कर दिया।  शनिवार देर रात करीब 12 बजे अर्जित ने पटना में सरेंडर कर दिया। बता दे कि इस पूरे मामलें पर सियासत काफी गरमाई हुई है पर इस दंगों के पीछे रजनीतिक साजिश बताई जा रही हैं।

 

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