नई दिल्ली : डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) ने रविवार को एक और ब्रह्मोस सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। इसने इंडियन नेवी के स्वदेशी INS चेन्नई से अरब सागर में मौजूद अपने टारगेट को पिन प्वाइंट पर सटीकता के साथ हिट किया।
इस परीक्षण की टाइमिंग को बेहद अहम माना जा रहा है। ऐसे समय में जब भारत और चीन के बीच सीमा विवाद गरम है, उस समय भारत का यह मिसाइल परीक्षण चीन को कड़े संदेश के दौर पर माना जा रहा है। भारत अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख में चीन से लगने वाली सीमाओं पर पहले ही ये ब्रह्मोस मिसाइल तैनात कर चुका है। इसे दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल माना जाता है। ब्रह्मोस की मदद से स्वदेशी युद्धपोत को और ताकत मिलेगी। इसकी मदद से लंबी दूरी पर स्थित टारगेट को भी आसानी से निशाना बनाया जा सकेगा।
साल 2016 में स्वदेशी युद्धपोत INS चेन्नई भारतीय नेवी में शामिल हुआ था। यह ऐसा तीसरा निर्देशित मिसाइल विध्वंसक है, जिसका डिजाइन स्वदेशी है। पहले इसकी रेंज 290 किलोमीटर थी, बाद में 400 किलोमीटर से ज्यादा तक कर दी गई है। अनुमान के मुताबिक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल 450 किलोमीटर से अधिक दूरी तक निशाने को तबाह कर सकती है। एक अधिकारी ने बताया कि मिसाइल को समुद्र, जमीन और लड़ाकू विमानों से भी दागा जा सकता है।