उत्तर प्रदेश। हरदोई में एंबुलेंस से गर्भवती महिलाओं को अस्पताल तक पहुंचाने के मामले में एक बड़ा घोटाला सामने आया है।महा निदेशालय स्तर से कराई गई जांच में इसकी पोल खुली जनवरी 2017 की जांच में अकेले टोडरपुर विकासखंड में 174 फर्जी प्रसूताएं मिली है। इसी तरह बावन और बिलग्राम मे भी आठ 385 प्रसूताओं का कोई अता-पता नहीं चल पाया। जानकारों का कहना है।कि अधिकांश सीएससी और पीएचसी में ये घोटाला हुआ है। या अलग की बात है कि स्वास्थ्य विभाग के बड़े अधिकारी इस मामले पर पर्दा डालने में जुटे हैं।
102 एंबुलेंस सेवा से गर्भवती महिलाओं को घर पर से सरकारी अस्पताल और सीएचसी पीएचसी भर्ती कराया जाता है।व्यवस्था तो यह कि प्रसूताओं को प्रसव के जच्चा बच्चा को भी एंबुलेंस से उनके घर छोड़ा जाए।अभी हाल में ही शासन स्तर पर हुई जांच में फर्जीवाड़ा सामने आया है।की फर्जी गर्भवती महिलाओं को सरकारी अस्पताल पहुचने में जमकर घोटाला हुआ है, और उन फर्जी गर्भवती महिलाओं के नाम पर नाम पर सरकार से पैसे वसूले गए है। इस मामले की सूचना जैसे ही स्वास्थ विभाग के आला अधिकारियों को मिली तो पूरे विभाग में हड़कंप मच गया।बिलग्राम और बावन में मामला सामने आया है।
बाकी शेष मामलों पर स्वास्थ विभाग के आला अधिकारी पर्दा डालने में जुटे हैं।ताकि उनकी घोटाले की पोल ना खुल जाए,क्योंकि 102 एंबुलेंस कर्मियों ने फर्जी गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचाने के नाम पर सरकार पर जमकर अवैध वसूली की है। इस पूरे मामले पर सीएमओ ने कहा ये कोई अकेला मामला हरदोई का नही है पूरे प्रदेश का है इससे कोई वित्तीय अनियमितता नही होती है इससे साफ जाहिर होता है कि सीएमओ भी इस खेल में शामिल है।