इन दिनों धरती पर कोरोना तो ब्रह्मांड पर कुछ ऐसी घटनाएं घट रही हैं। जिन पर वैज्ञानिकों की तो नजर है ही इसके साथ ही आम जनता के मन में भी कई सवाल उठ रहे हैं।
वैज्ञानिकों के साथ कुछ लोगों को लगता है कि, इस दुनिया के अलावा भी एक दुनिया है। जहां पर जिंदगी हो सकती है।
इन्ही रहस्यों से पर्दा उठाता एक रहस्य खोज लिया गया है। जिसके बारे में आपको जरूर जानना चाहिए।
वैज्ञानिकों के दिमाग में घूमता रहा कि जिस मैटर से सामान्य चीजों और जीवों की रचना होती है, वह मैटर ब्रह्मांड में आखिर कहां है।
दशकों तक गैलेक्सीज के बीच में खोजने के बाद आखिरकार ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों को पता चला है कि यह खोया हुआ मैटर आखिर कहां है।
ब्रह्मांड में एनर्जी के छोटे-छोटे फ्लैश होते रहे हैं जिन्हें रेडियो बर्स्ट कहा जाता है। वैज्ञानिकों ने जब इन्हें स्टडी करना शुरू किया तो पता चला कि खोया हुआ सामान्य मैटर दरअसल गैलेक्सीज के बीच में ठंडी गैस के रूप में फैला हुआ था।
इंटरनैशनल सेंटर फॉर रेडियो ऐस्ट्रोनॉमी रीसर्च की कर्टिन यूनिवर्सिटी के असोसिएट प्रफेसर जीन-पियरी मकार्ट के मुताबिक गैलेक्सीज के बीच का स्पेस बहुत फैला हुआ है।
यहां जो मैटर मिला है वह इतना कम लगता है जैसे एक कमरे के अंदर एक-दो ऐटम।
इस खोज के लिए वैज्ञानिकों ने ऑस्ट्रेलियन स्क्वेयर किलोमीटर ऐरे पाथफाइडर का इस्तेमाल किया जो पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में मिड वेस्ट 36 रेडियो टेलिस्कोप्स से बना है। इसकी मदद से आसमान के बड़े हिस्से में साफ-साफ देखा जा सकता है।
बिना FRB के ओरिजिन का पता लगे, ASKAP ने उसे कैप्चर किया और उसकी किरणों का अनैलेसिस भी किया।
वैज्ञानिकों का कहना है कि अदृश्य ब्रह्मांड में और खोज करने के लिए FRB का इस्तेमाल पहला कदम है। डॉक्टर मकार्ट का कहना है कि अब 100 या ज्यादा FRBs की मदद से इस मैटर को और गहराई से स्टडी किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि ये मैटर यूनिवर्स के अटमॉस्फियर को बनाता है। यही वह ईकोसिस्टम है जिसमें गैलेक्सी रहती हैं। इसके स्ट्रक्चर का पता लगाकर ऐस्ट्रोनॉमर्स गैलेक्सीज के पैदा होने और खत्म होने के राज को समझ सकते हैं।
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इस बड़ी खओज ने वाकई में वाकई में कई रहस्यों तक पहुंचने के रास्ते खोल दिए हैं।
जो आने वाले समय में काफी फायदा पहुंचा सकते हैं।