लखनऊ: फर्जीवाड़ा करने की कोई सीमा नहीं होती, रुपए पैसे से लेकर मार्कशीट तक के मामले सामने आते हैं। ऐसा ही कुछ मेरठ में देखने को मिला, जहां पिछले 5 वर्षों से फर्जी मार्कशीट बनाने का धंधा चल रहा था।
50,000 से 70000 तक फर्जी मार्कशीट
मेरठ के शास्त्री नगर में फर्जी डिग्री बनाकर मोटी रकम हड़पने का कारोबार लंबे समय से चल रहा था। एक पति पत्नी मिलकर इस काम को कर रहे थे। इसके लिए ₹50000 से लेकर 70-80 हजार तक वसूला जाता था। कई बार यह रकम एक लाख तक पहुंच जाती थी। यहां डॉक्टर, इंजीनियर की डिग्रियां चुटकी में बन जाती थी। अब मामला सामने आने के बाद दंपत्ति फरार हैं, जिनकी तलाश पुलिस कर रही है।
भारी मात्रा में फर्जी दस्तावेज
पुलिस की छापेमारी में पता चला कि 500 से अधिक फर्जी मार्कशीट बनाई जा चुकी है। इसमें रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, प्रमाण पत्र, एनओसी जैसे कागजात भी बरामद किए गए। लोगों से पैसे लूटने के लिए ऑनलाइन मीडियम का इस्तेमाल किया जाता था। इस मामले में जब पुलिस को भनक लगी तो मकान पर छापा मारा गया।
दोनों मुख्य आरोपी भाग निकले, लेकिन मौके से भारी मात्रा में एलईडी, सीपीयू, प्रिंटर, हार्ड डिस्क, एडमिशन फॉर्म, माइग्रेशन सर्टिफिकेट, अलग-अलग कक्षाओं की मार्कशीट डिप्लोमा डिग्री बरामद की गई। यह एक बड़ा गोरखधंधा था, जिसमें फर्जी सर्टिफिकेट बना कर मोटी रकम वसूली जाती थी, लेकिन नौचंदी थाना पुलिस ने इस मामले को उजागर कर दिया।