राजधानी लखनऊ की केजीएमयू में शिक्षकों की नियुक्ति में बड़ा खेल सामने आया है। जिसमें अपने चहेतों की नियुक्ति के लिए नियमों को ताक पर रखकर शिक्षकों की नियुक्ति करा दी गई। इसके बाद इस पूरे मामले की शिकायत मुख्यमंत्री व राज्यपाल से हुई है। जिसके बाद इस पूरे मामले पर केजीएमयू प्रशासन से जवाब मांगा गया है।
प्लास्टिक सर्जरी रेस्पिरेट्री मेडिसिन विभाग में शिक्षकों की भर्ती में हुआ खेल
केजीएमयू के प्लास्टिक सर्जरी व रेस्पिरेट्री मेडिसिन विभाग में शिक्षकों की भर्ती को लेकर विज्ञापन दिया गया था और करीब 230 पदों पर यहां भर्ती चल रही थी। इसको लेकर के अलग-अलग तरह की चयन प्रक्रिया रखी गई थी। लेकिन इन तमाम चयन प्रक्रिया ऊपर अब सवाल खड़े हो गए है। केजीएमयू के 230 पदों पर भर्ती चल रही थी। इसके तहत विभिन्न विभागों में भर्ती चल रही थी। इस साल की शुरुआत में ही रेस्पिरेटरी मेडिसिन एवं प्लास्टिक सर्जरी विभाग में भी शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी और अब इस नियुक्ति पर तमाम सवाल खड़े हो गए। दरअसल बताया जा रहा है की नियुक्त होने वाले प्रोफेसर के पास एमबीबीएस की डिग्री नेपाल की है और एमसीएच की डिग्री भी नहीं है। जबकि साक्षात्कार में केजीएमयू और ऋषिकेश एम्स के डिग्री धारक भी शामिल हुए थे। लेकिन उन्हें आयोग करार दे दिया गया और नेपाल की डिग्री वाले डॉक्टर को नियुक्ति दे दी गई। जिसके बाद से इस पूरी चयन प्रक्रिया पर सवाल खड़े हो गए।
मेरठ के सर्वेंद्र ने मुख्यमंत्री से की शिकायत
मेरठ के रहने वाले सर्वेंद्र ने केजीएमयू के प्लास्टिक सर्जरी एवं रेस्पिरेट्री मेडिसिन विभाग में हुई शिक्षकों की भर्ती को लेकर के मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत की। शिकायत में उन्होंने बताया की प्लास्टिक सर्जरी विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर नियुक्त होने वाले डॉक्टर के पास एमबीबीएस की डिग्री नेपाल की है एमसीएच डिग्री इसके साथ नहीं है। संबंधित शिक्षक ने नेपाल के प्राइवेट कॉलेज से डीएनबी कोर्स किया है। जबकि साक्षात्कार में केजीएमयू और एम्स ऋषिकेश से एमसीएच की डिग्री प्राप्त चिकित्सक भी शामिल हुए थे। लेकिन इन सभी को आयोग्य करार देते हुए नेपाल के एमबीबीएस डिग्री धारक चिकित्सक को शिक्षक के पद पर केजीएमयू में नियुक्ति दे दी गई। इसके बाद इस पूरे मामले पर शासन ने केजीएमयू में प्रशासन से जवाब मांगा है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
इस पूरे मामले पर जब हमने केजीएमयू प्रशासन के प्रवक्ता डॉ सुधीर सिंह से बातचीत करी तो उन्होंने बताया कि इस पूरे मामले पर शासन की तरफ से सवाल किए गए हैं जिसका जवाब जल्द ही केजीएमयू प्रशासन की तरफ से दे दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त इस तरह की कोई भी नियुक्ति में नियमों को शिथिल करके नियुक्ति नहीं की गई है। यदि इस तरह की घटना हुई है तो जिम्मेदारों को बख्शा नहीं जाएगा।