देहरादून। लाखों उम्मीदों और ख्वाहिशों के साथ कोई परिवार अस्पताल में डिलीवरी के वक्त आता है।नए जन्म लेने वाले बच्चे की चाहत में वो डॉक्टर को भगवान समझ कर उसको अपना सबकुछ सौंप देता है। मगर आज के वक्त में डॉक्टर के रूप में ऐसे हैवान पैदा हो गए हैं । जिनसे जीवन की उम्मीद तो दूर जिंदगी बचाने की जद्दोजहद करनी पड़ रही है। जी हां ये है देहरादून का वैश्य नर्सिंग होम जिस पर बड़े ही गंभीर आरोप लगे हैं।
बता दें कि ऐसे कसाई अस्पताल की हकीकत जो बच्चे को जीवन तो नहीं दे पाया बल्कि मासूम को उसके माता पिता से अलग कर दिया और उसके शव तक को उसके माता पिता को देखने तक नही दिया।
आपको बता दें कि बच्चे को चैतन्य नर्सिंग से वैश्य नर्सिंग में शिफ्ट किया गया था। मगर सवाल तब उठे जब अस्पताल में बच्चे की लिंग दी जानकारी दो अलग-अलग रिपोर्टों में अलग-अलग दी गई। जब पूरे मामले की जानकारी अस्पताल प्रबंधक से मांगी गई तो वो बचाव में अपना तर्क रखते हुए नजर आए।जिससे पर भी कई सवाल उठ रहे हैं।पूरे मामले का संज्ञान लेते हुए खुद एसएसपी ने केस की जांच की बात कही है।