नई दिल्ली। बीजेपी द्वारा कैंब्रिज एनालिटिका के तार कांग्रेस से जोड़ने का मुद्दा और भी गरमा गया है, जिसके कारण कांग्रेस पार्टी चारो खाने चित नजर आ रही है। दरअसल डाटा लीक करने वाले कैंब्रिज एनालिटिका के एक्स इम्पलॉई क्रिस्टोफर वाइली ने यूके में सांसदो के सामने बयान दिया है कि भारत की कांग्रेस पार्टी भी कैंब्रिज एनालिटिका की क्लाइंट रही है और कंपनी का एक दफ्तर भारत में है। हालांकि कांग्रेस बार-बार मना कर रही है कि उन्होंने कभी भी कैंब्रिज एनालिटिका की सर्विस ली है। वाइली ने कहा कि उन्हें बस काम से मतलब है फिर वो चाहे कानूनी तरीके से हो या फिर गैरकानूनी तरीके से।
आपको बता दें कि इस विवाद में ऐसा पहली बार हुआ है जब कंपनी से सीधे जुड़े किसी शख्स ने भारत के संबंध को लेकर कोई बयान दिया है। वाइली ने यूके संसद में कहा कि भारत में भी कैंब्रिज एनालिटिका की सेवाएं ली गई हैं। उन्होंने कांग्रेस पार्टी के साथ मिलकर कई प्रोजेक्ट्स किए हैं, हालांकि उन्हें ये याद नहीं कि पार्टी के साथ कोई नेशनल प्रोजेक्ट किया की नहीं। लेकिन लोकल लेकर काफी प्रोजेक्ट जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि उनके पास भारत में कांग्रेस पार्टी के साथ काम करने के सबूत भी हैं। हालांकि कांग्रेस इस बात से बार-बार इनकार कर रही है कि उन्होंने कैंब्रिज एनालिटिका की मदद कभी नहीं ली है। ऐसे में वाइली के बयान से भारत में राजनीतिक माहौल फिर गरमा गया है।
कैंब्रिज एनालिटिका मामले में अमेरिकी संसद ने सख्ती दिखानी शुरू कर दी है। इस मामले में संसदीय समिति ने फेसबुक, ट्विटर और गूगल के सीईओ को तलब किया है। जुकरबर्ग (फेसबुक), सुंदर पिचई (गूगल) और जैक डोर्से (ट्विटर) को 10 अप्रैल को सीनेट ज्यूडिशियरी कमेटी के सामने पेश होना है। जुकरबर्ग ने पहले तो समिति के सामने पेश होने से मना कर दिया था लेकिन बाद में राजी हो गए। कैंब्रिज एनालिटिका एक डाटा एनालिसिस्ट फर्म है। आरोप है कि फर्म ने एक ऐप के जरिए फेसबुक से डाटा चोरी कर यूजर्स की पर्सनल प्रोफाइल तैयार की। फिर पर्सनल प्रोफाइल से डोनाल्ड ट्रंप के लिए राष्ट्रपति चुनाव में वोटर्स को प्रभावित कर उन्हें जीत दिलाई।