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आरबीआई का बड़ा फैसला! ऑफलाइन डिजिटल पेमेंट को दी मंजूरी

आरबीआई आरबीआई का बड़ा फैसला! ऑफलाइन डिजिटल पेमेंट को दी मंजूरी

डिजिटल लेनदेन को ग्रामीण एवं अर्ध शहरी क्षेत्रों से जोड़ने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने सोमवार को एक नई रूपरेखा जारी की है। जिसके मुताबिक प्रति लेनदेन ₹200 तक का ऑफलाइन भुगतान किया जा सकता है। जो कुल ₹2000 तक किया जा सकता है।

क्या है आरबीआई का नया नियम

भारतीय रिजर्व बैंक की इस नियम के मुताबिक ₹200 तक की ऑफलाइन डिजिटल पेमेंट बिना इंटरनेट के किया जा सकता है। इसके लिए लेनदेन करने वाले लोगों को आमने सामने रहना होगा यानी ₹200 का ऑफलाइन डिजिटल ट्रांजेक्शन तभी संभव है जब लेनदेन करने वाले आमने-सामने हो।

ऑफलाइन भुगतान का क्या है अर्थ

एक ऐसा लेनदेन जिसमें इंटरनेट और दूरसंचार कनेक्टिविटी की जरूरत नहीं होती है। ऑफलाइन मोड के तहत भुगतान किसी भी चैनल व साधन के माध्यम से जैसे कार्ड, वॉलेट और मोबाइल उपकरणों के उपयोग करके आदान-प्रदान किया जा सकता है। 

₹200 तक का हो सकेगा लेन देन

भारतीय रिजर्व बैंक के मुताबिक ₹200 तक के लेनदेन के लिए अतिरिक्त प्रमाणीकरण की आवश्यकता नहीं होगी। लेन-देन ऑफलाइन है ऐसे में ग्राहकों को अलर्ट के लिए ऐसे में या ईमेल के माध्यम से संदेश प्राप्त होगा यह लेनदेन प्रति लेनदेन ₹200 की सीमा के अधीन होगा। हालांकि इसके लिए आपके खाते में ₹2000 अतिरिक्त होना अनिवार्य है। 

ग्रामीण और अर्ध शहरी क्षेत्रों को होगा फायदा

भारतीय रिजर्व बैंक की इस नई रूपरेखा के तहत खासतौर पर ग्रामीण और अर्ध शहरी क्षेत्रों को फायदा होगा। हालांकि इस रूपरेखा में सितंबर 2020 से जून 2021 की अवधि के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में ऑफलाइन लेनदेन कि पायलट प्रक्रिया को अपनाया गया था। आरबीआई का मत है कि ऑफलाइन लेनदेन से कमजोर इंटरनेट और दूरदराज के इलाकों से कनेक्टिविटी बेहतर होगी और इन क्षेत्रों में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद भी है। 

 

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